वाराणसी -सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति श्री अरिजीत पसायत काशी हिंदू विश्वविद्यालय पहुंचे और विधि विभाग में शिरकत की।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अरिजीत पसायत ने विधि विभाग के शिक्षकों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि अन्याय का मतलब न्याय न मिलना होता है यदि किसी एक जगह अन्याय हो रहा है तो इसका तात्पर्य प्रत्येक जगह अन्याय हो रहा है इसलिए समाज व देश के प्रत्येक जगह से अन्याय का विरोध होना चाहिए तथा समाज को अन्याय से मुक्त करते हुए न्याय की स्थापना करनी चाहिए उन्होंने विशेष रूप से विधि विभाग के छात्रों से संबोधन में कहा कि विधि के छात्रों का यह कर्तव्य होता है कि वह विधि व्यवसाय के माध्यम से न्याय की स्थापना समाज में हर जगह करें
पूर्व जस्टिस अरिजीत पसायत ने भारत में बढ़ती न्यायालय विवादों की संख्या पर चिंता व्यक्त की तथा इसके निराकरण के लिए विधि के छात्रों का आह्वान किया तथा कहा कि न्याय निर्णयन में विधि के छात्रों को सहयोग यानी योगदान करने पर बल दिया जाना चाहिए जैसे सुलह समझौता आदि तथा निर्धन लोगों को विधि व्यवसाई को सहायता देने पर बल देनी चाहिए जिसमें मुख्य रुप से विधि के छात्र अपनी भूमिका अदा कर सकते हैं जस्टिस अरिजीत पसायत ने कहा जिस दिन काशी हिंदू विश्वविद्यालय का ला कॉलेज भारत के विधि संस्थानों में अग्रणी भूमिका अदा करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त करेगा उस दिन मुझे सबसे ज्यादा खुशी होगी
संकायप्रमुख विधि विभाग प्रोफेसर आर पी राय ने न्यायमूर्ति को स्मृति चिन्ह देकर स्वागत एवं अभिनंदन किया इस अवसर पर प्रोफेसर सीपी उपाध्याय, प्रोफेसर धर्मेंद्र मिश्रा ,प्रोफेसर ए के पांडे, प्रोफेसर वी एस मिश्रा, प्रोफेसर अली मेहंदी ,प्रोफेसर एस के गुप्ता सहित सभी प्राध्यापक व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे