लखनऊ – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सुरक्षा में तैनात एनएसजी कमांडो समेत छह लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने से हड़कंप मचा है। वाराणसी में सीएम के दौरे को देखते हुए शनिवार की सुबह से ही उनकी सुरक्षा में तैनात जवानों और अन्य लोगों की एंटीजेन किट से कोरोना जांच शुरू की गई। बीएचयू, पुलिस लाइन और सर्किट हाउस में स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने सैंपलिंग की। सर्किट हाउस में सीएम के रात्रि विश्राम को देखते हुए रसोइये से लेकर अन्य कर्मचारियों का भी टेस्ट किया गया।
बीएचयू पर हुई सैंपलिंग में तो सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई। पुलिस लाइन पर पहुंचे लोगों में छह की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसमें एक एनएसजी कमांडो भी शामिल है। इसके अलावा फ्लीट की गाड़ी के एक ड्राइवर, तीन पुलिसकर्मियों और एक इंस्पेक्टर की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इन लोगों को तत्काल सुरक्षा दस्ते से अलग कर आइसोलेट कर दिया गया। इनके साथ वाले कुछ कर्मचारियों को भी क्वारंटीन किया गया है। एनएसजी कमांडो और इंस्पेक्टर लखनऊ से आए थे। चालक गोरखपुर से आया था। जबकि तीनों पुलिसकर्मी बनारस के ही हैं।
सीएम योगी कोरोना से बचाव के उपायों पर हो रही व्यवस्थाओं की समीक्षा करने ही वाराणसी पहुंचे हैं। उन्होंने सबसे पहले बीएचयू में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कोरोना से निपटने के उपायों को जाना और कई निर्देश अधिकारियों को दिये।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बीएचयू में दो मरीजों के सुसाइड करने का जिक्र करते हुए कहा कि इससे गलत संदेश गया है। डॉक्टर और स्टाफ वार्ड में विजिट करें तो मरीज की स्थिति का पता लगता रहता है। उसी के अनुरूप मैनेज किया जाए तो ऐसी घटना नहीं होगी। सीनियर फैकल्टी राउंड करें। बीएचयू पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ इससे लगे दूसरे राज्यों के मरीजों के इलाज के लिए सर्वश्रेष्ण माना जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सवा महीने में ही दूसरी बार बीएचयू आने का कारण यही है कि इस महामारी से बचाव को पूरी क्षमता व जज्बा से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार से जो सहायता चाहिए, वह मिलेगी। यह भी कहा कि अच्छे परिणाम दिखाई देने चाहिए। बीएचयू में आईसीयू के 150 बैड तैयार किए जाएं।