सिद्धिदात्री रूप में विराजीं मां, भक्तों ने दर्शन-पूजन कर मांगा आशीष

बरेली। नवरात्र की नवमी पर मंदिरों और घरों में मां सिद्धिदात्री की पूजा-आराधना की गई। बुधवार को मंदिरों में मां का सिद्धिदात्री रूप में शृंगार किया गया। मंदिरों में देर रात तक माता रानी के दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की कतार लगी रही। श्रद्धालुओं ने पूजन-हवन कर भक्तों ने यज्ञ में आहूतियां देकर मां को विदा किया और व्रत का पारण किया। नवमी पर मां के नवम स्वरूप सिद्धिदात्री का विशेष पूजन-अर्चन किया गया। शहर के नव दुर्गा मंदिर, काली बाड़ी, चौरासी घंटा आदि मंदिरों और घरों में माता सिद्धिदात्री का गुणगान किया गया। अधिकांश घरों में हवन-पूजन करने के साथ व्रत का पारण किया। भक्तों ने माता को लाल चुनरी, वस्त्र, शृंगार का सामान, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, बतासे, मिसरी, सौभाग्य सूत्र, चंदन, हल्दी, सिंदूर, दुर्वा, आभूषण, अक्षत आदि अर्पण किया। बुधवार को घर-घर कन्या जिमाई गई। भोज के रूप में कन्याओं को पूड़ी-सब्जी, दही- जलेबी खिलाई गईं। इसके बाद भक्तों ने प्रसाद ग्रहण कर उपवास खोला। शहर के प्रमुख देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं का दिनभर तांता लगा रहा। कुछ भक्तों ने मंदिर मे जाकर कन्या भोज कराया। मंदिरों में माता रानी के जयकारे गूंजते रहे। बुधवार को नवमी पर घरों व मंदिरों में माता रानी का पूजन और हवन के बाद कन्या-लांगूर जिमाए गए। घर की महिलाओं व पुरुषों ने उनके पांव पखार कर पूजन किया। इसके बाद भोजन कराकर उनका आर्शीवाद लिया। मंदिरों में घंटे, घंटियों एवं जयघोष के अलावा मां को समर्पित मंत्र ‘वंदे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम्। कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम्॥ की गूंज रही। सुबह मां दुर्गा की आराधना के बाद देवी स्वरूपी कन्याओं को खीर, पूरी, हलवा आदि से जिमाया गया। साथ ही मां के भक्तों ने कन्याओं उपहार भी भेंट किए। मंदिरों में भी कन्या-लांगूर जिमाए गए।।

बरेली से कपिल यादव

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