बरेली। भगवान शिव का महीना माने जाने वाले सावन की शुरुआत 22 जुलाई दिन सोमवार से हो रही है। इसका समापन 19 अगस्त काे होगा। इस दिन भी सोमवार है। इस माह में पांच सोमवार पड़ेंगे। ज्योतिषाचार्य के अनुसार सावन इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग में प्रारंभ हो रहा है। ऐसा संयोग 72 वर्ष के बाद बना है। इस योग में पूजन-अर्चन, रुद्राभिषेक व व्रत का कई गुणा फल प्राप्त होता है। पं. शरदचंद्र मिश्र व पं. नरेंद्र उपाध्याय का कहना है कि सर्वार्थ सिद्धि योग शुभता का प्रतीक है। भगवान शिव अकेले ऐसे देवता हैं जिनमें काल को टालने की क्षमता है और उनकी प्रसन्नता से मनपसंद वर के साथ विवाह होता है। इन दो कामनाओं को पूरा करने के लिए शिव जाने जाते है। सावन में उनकी पूजा का विशेष महत्व है। शास्त्रों में कहा गया है कि सावन माह में समुद्र मंथन के समय समुद्र से कालकूट नामक विष पैदा हुआ, जिससे समस्त जीवों के अस्तित्व पर संकट आ गया था। भगवान विष्णु के सुझाव पर समस्त देवगण भगवान शिव के पास जाकर प्रार्थना किए। संसार और जीवों के कल्याण के लिए उन्होंने उस विष का भक्षण कर लिया। वह उनके गले तक पहुंचते ही सूख गया। उनका कंठ नीला हो गया। इसलिए नीलकंठ के नाम से प्रसिद्ध हुए। लेकिन वे विष ताप के आगोश में थे। देवगणों ने विष ताप की शांति के लिए उनका जलाभिषेक किया। तभी से सावन में भगवान शिव को जलाभिषेक करने की परंपरा चली आ रही है। इस माह में व्रत, उपवास व पूजा-अर्चना का विशेष फल प्राप्त होता है। सर्वार्थ सिद्धि योग इसे और शुभ बनाएगा। सावन का प्रथम सोमवार – 22 जुलाई, द्वितीय सोमवार- 29 जुलाई, तृतीय सोमवार – 05 अगस्त, चतुर्थ सोमवार – 12 अगस्त, पंचम सोमवार- 19 अगस्त को पड़ेगा।।
बरेली से कपिल यादव