सीतापुर- रुक रुक कर पहाड़ी क्षेत्रों में रही वर्षा, वैराजो से छोड़े जा रहे लाखो क्यूसेक पानी से घाघरा-शारदा की नदियों के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी से लोग दहसत में है।कोनी,परमेश्वर पुरवा के निकट खेती योग्य जमीनों को आहिस्ता आहिस्ता घाघरा करती जा रही घघरा नदी।कोनी में सात घरो पर घाघरा की तलवार लटक रही।जिससे लालजी,जगेश्वर,किशोरी,रामनिवास,आदि लोग खौप जुदा देखे जा रहे।पूर्व में घाघरा की तलहटी में मगरमछ, घड़ियालों ने भी अपनी उपस्थित दर्ज करा चुके।जिससे तटीय लोगो की दिन रातो की नींद भी हराम हो गई।मंगलवार की सुबह कोनी में फिर से मगरमछ देखा गया।कोनी के लोगो का कहना एक तो घाघरा का कहर वरप रहा।दूसरे मगरमछ-घड़ियालों का।कटान,जानवरो के भय से दिन व रात परिवार के साथ जाग जाग कर काटते है।घरो से महज 5मीटर,10मीटर, की दूरी पर ही घाघरा मइया बह रही।कब कितने वक्त सातों घर घाघरा अपने आगोश में समेट ले रही है कुछ पता नही।अगर प्रसासन पहले से हम लोगो को जमीन मुहैया करा दे।तो हम सब,परिवारों का जीवन सुरक्ष्चित हो जाता।कँहा जाये, प्रशासन का ध्यान नही अकर्षशीत हो रहा।वही प्रसासनिक अधिकारी एसडीएम शिरशि कुमार/तहशीलदार राजकुमार गुप्ता सघन दौरा कर बराबर नजर रखने,बाढ़ जैसे हालातो से अभी इंकार करते हुए पानी अपने दायरे मे होने की बात कह रहे।गत दिन सोमवार को पुलिस विभाग के मुखिया एलआर कुमार आये बाढ़ का दौरा करने,सात घर कोनी के कटान के मुहाने पर बाढ़ की जमीनी हकीकत को न तो क्षेत्रीय लेखपाल प्रस्तुत करना चाहते।न तो हकीकत को उच्च अधिकारी जानना चाहते।
रामकिशोर अवस्थी
रेउसा सीतापुर