सहारनपुर के बड़े इमाम बारगाह का इतिहास; यहाँ मौजूद हर चीज़ अपने आप मे है नायाब और ऐतिहासिक

सहारनपुर – आज हम आपको सहारनपुर नगर के बीचो बीच मोहल्ला जाफर नवाज़ स्थित बड़े इमाम बारगाह का इतिहास बताने जा रहे है जिसको सन- 1808 ईo में नवाब असगर अली खान साहब ने तामीर कराया था तालिब ज़ैदी ने बताया कि नवाब असगर अली साहब की कोई संतान नही थी उन्होंने इस इमाम बारगाह को बहुत मुहब्बत के साथ बनवाया था उन्होंने इसी इमाम बारगाह मे अपनी अंतिम सांसे ली जिसके बाद उनको इमाम बारगाह के अंदर ही दफनाया गया कुछ समय बाद असगर अली साहब की बेगम भी गुज़र गई और उनको भी यही पर दफन किया गया ।
बड़ा इमाम बारगाह नगर की शान है इसकी बनावट इतनी खूबसूरत और अच्छी तरह की गई है कि ऐसा लगता ही नही कि यह इमारत लगभग 213 साल पुरानी है इमाम बारगाह के अन्दर इमाम हुसैन के रोज़े की शबी जिसको ज़री कहा जाता है रखी हुई है जो लगभग 150 साल पुरानी है जिससे इमाम बारगाह की शान मे 4 चाँद लगे हुए है वही दुसरी ओर एक मिम्बर रखा हुआ है जिसपर मौलाना बैठ कर मजलिस को ख़िताब करते है वो भी बहुत खूबसूरत ओर बेशक़ीमती है यह भी लगभग 125 वर्ष पुराना है इसके अलावा इमाम बारगाह मे बहुत सारे झाड़ फानूस भी है जो अपने आप मे बहुत खूबसूरत और क़ीमती है ऐसा इमाम बाड़ा पश्चिमी उत्तरप्रदेश मे सहारनपुर के बाद केवल लखनऊ मे देखने को मिलता है ,आने वाले मुहर्रम के पर्व को लेकर इमाम बारगाह मे तैयारी जारी है ।

– सहारनपुर से रविश आब्दी

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