सरकारों की उपेक्षा का दंश झेल रहा चमोली का नागनाथ पोखरी

उत्तराखंड/चमोली : पहाड़ की चीखती पुकारे आजादी के 70 वर्ष बाद भी विकास की खोज में जुटी हैं। आखिर कब पहाड़ो में रौनक आएगी। पहाडी राज्य बने हुए 20 वर्ष बीत गए है लेकिन आज भी नागनाथ पोखरी की स्थिति धरातल पर बेहद कमजोर नजर आयी हैं।।
नागनाथ पोखरी नागवंशीय राजाओ की राजधानी के रूप में प्रसिद्ध हैं, जनपद चमोली के दूरस्थ ब्लॉक पोखरी अपने आप मे एक बड़ा महत्व रखता हैं ।
पुराणों में भी नागनाथ पोखरी की विशेषताओं ,सुंदरता, धार्मिक स्थलों का विशेष रूप से वर्णन हैं व हिंदी साहित्य के रचनाकार स्व0 चंद्रकुंवर बर्त्वाल ने नागनाथ पोखरी से ही अपनी प्राथमिक व मिडिल क्लास की पढ़ाई की ,व अपनी रचनाओं में पोखरी को विशेष स्थान दिया,चाहे
पूर्व में उत्तरप्रदेश सरकार में मंत्री रहे स्व0 नरेंद्र सिंह भंडारी का पोखरी के विकास में योगदान हो,
वर्तमान में बद्रीनाथ विधानसभा,व जिला पंचायत अध्यछ की बागडोर महेंद्र भट व रजनी भंडारी ने संभाली हुई हैं व इससे पहले राजेन्द्र भंडारी भी सूबे के कैबिनेट मंत्री रह चुके है।
वर्तमान में देश के स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण बेंजवाल भी नागनाथ पोखरी से ही हैं ।
परंतु जनप्रतिनिधियों के लचीलेपन के कारण ही आज 72 ग्रामसभाओं वाला नागनाथ पोखरी घोर बेरुखी का दंश झेल रहा हैं ऐसे में लोगो का सरकारो से भरोसा खत्म सा हो गया हैं।यहां की प्रमुख समस्याएं
स्वास्थ्य , बिजली,शिक्षा ,बैंक व तहसीले हैं।
1- तहसील पोखरी में तहसीलदार व उपजिलाधिकारी न होने से आमजन बेहद परेशान है

2-महाविद्यालय पोखरि आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं का रोना रो रहा है ,ncc, संस्कृत विषय की स्वीकृति न होने ,व 2 साल से बंद पड़े आटोडोरियम का निर्माण न होना चिंताजनक विषय हैं।
3- पोखरी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन न होने से गर्भवती महिलाओं को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं।व मरीजो को दवाये न होने का हवाला दिया जाता हैं
4- राजकीय पॉलिटेक्निक पोखरी का भवन निर्माण घोटालो की भेंट चढ़ा हुआ है और आज भी पूरा निर्माण न होने से जर्जर हालत में पड़ा हुआ है,हालांकि इस पर जांच की बात हुई हैं परंतु आज भी छात्र व अध्यापक भवन न होने से परेशान नजर आता हैं जिसके चलते छात्रों को प्रेक्टिकल देने गोचर जाना पड़ता हैं।
5- पोखरी में एक मात्र स्टेट बैंक हैं।जिसका एटीएम मशीन व पासबुक इंट्री मशीन पिछले एक साल से बंद पड़े हुए है आमजन बेहद गुस्से में नजर आते है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नही है,एटीएम ज्यादातर खराब रहता हैं जिससे लोगो ने दूसरे एटीएम खोलेने की मांग की परन्तु ये सब बातें फिजूल में ही दफन हो गयी हैं।
6 -पोखरी में बिजली विभाग की भी घोर ढीला रवैया अपनाया हुआ है ,सदैव बिजली ज्यादातर गुल नजर आती हैं व दूरस्थ गावो में भी चार चार दिनों तक बिजली व्यवस्था चरमरा ती हुई नजर आती हैं।
7 -पोखरी में अधिकांश सड़के बुरी तरह खत्म हो रखी हैं, चाहे पोखरी, हापला, गोपेस्व र रोड़ हो,
पोखरी -कर्णप्रयागहो , पोखरी -रुद्रप्रयाग हो या फिर पोखरी मुख्य बाजार की सड़क हो सबकी स्थिति दयनीय हैं और ये सड़के आये दिन दुर्घटना ओ को अंजाम दे रही हैं ।
यू कहे तो पोखरि आज भी अपनी मूलभूत सुविधाओं से पूर्ण रुप से वंचित है ,सत्ता दल से लेकर विपक्ष दल तक पोखरी से ही आते हैं और ये हालत पोखरी की आपके सामने लाचारी व बेबसी को दिखा रही हैं।
आखिर कब तक जनप्रतिनिधि सोये रहेंगे ,और कब तक भोली भाली जनता इस अन्याय को सहती रहेगी ,देखना होगा क्या पोखरी के अरमानो को फिर से पंख लगते है, या फिर जनप्रतिनिधियों के कानों में ये गम्भीर समस्याएं जू तक नही होती।

– संदीप वर्तवाल

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