बरेली/ फतेहगंज पश्चिमी- यहाँ मुख्य मार्ग पर गांधी आश्रम के सामने एवं मंदिर के बराबर में एक बहुत पुरानी गली है जिसमें लोगों का आना जाना हुआ करता था
पूर्व में गली पर क़ब्ज़ा करने के मक़सद से इसको बन्द कर दिया गया था मोहल्ले वालों ने इसका विरोध किया ख़बरें समाचार पत्रों में प्रकाशित हुई थी तब तत्कालीन उपज़िलाअधिकारी राजेश कुमार ने इसकी मौके पर जाकर जाँच की और फ़ौरन गली को खुलवाने के साथ साथ नगर पंचायत प्रशासन को गली बन्द करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्यबाही के आदेश दिये थे इस तरह यह गली खुल सकी थी लेकिन आजतक गली बन्द करने वालों के ख़िलाफ़ कोई भी कार्यबाही नहीं हो सकी है
अब एक बार फिर से इस गली को बन्द कर दिया गया है इस बार गली को बन्द करने का मक़सद कुछ और ही लग रहा है क्योंकि गली के आसपास इन दिनो मार्केट बन रही है
अगर गली बंद करने वालों के हिसाब से सभी कुछ ठीक ठाक रहा तब यह गली ही ग़ायब हो जायेगी और इस तरह एक सरकारी गली पर क़ब्ज़ा हो जायेगा
इस गली की शिकायत कई बार समाजसेवी लोग कर चुके है जिसकी जाँच पड़ताल भी हुई पर मामला काग़ज़ों तक ही दब कर रह गया और समस्या जस की तस बनी हुई है
कस्वे के लोगों में चाय की दुकानो पर चौराहों पर इस गली की चर्चा ज़ोर शोर पर है इसके बाद भी प्रशासन इस तरफ़ ध्यान नहीं दे रहा है
समाजसेवी प्रेमपाल गंगवार का कहना है कि पूर्व में इस गली को जैसे तैसे खुलबाया गया था अब फिर से सरकारी गली को बन्द कर दिया गया है जिस कारण लोग परेशान है
हुसैनी कमेटी के सदर इरशाद हुसैन का कहना है यह बहुत पुरानी गली है इस गली से लोगों का आना जाना हुआ करता था लेकिन इसको बन्द कर दिया गया है जिस कारण लोग परेशान है इस गली को खुलबाया जाना चाहिये
समाजवादी पार्टी के ठाकुर अमित सिंह ने भी सरकारी गली को खुलवाने की माँग करते हुए कहा है कि यह बहुत पुरानी गली है फिर इसको बन्द क्यों किया जा रहा है।
-बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट