बरेली/फतेहगंज पश्चिमी- स्थानीय जन प्रतिनिधियों और पीडब्ल्यूडी अफसरों की घनघोर लापरवाही का खामियाजा मीरगंज विघानसभा क्षेत्र की भोलीभाली-बेबस आम जनता और जिंदगी-मौत के बीच झूल रहे मरीजों, प्रसवपीड़ा से छटपटा रही गर्भवती महिलाओं को झेलना पड़ रहा है। फतेहगंज पश्चिमी कस्बे से सिर्फ एक किमी फासले पर हाईवे से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) होते हुए खिरका जगतपुर से सतुइया खास तक जाने वाली डेढ़ किमी लंबी प्रमुख सड़क की दुर्दशा से आमजन, मरीज खासकर महिलाएं भले ही बेहद परेशान हैं लेकिन जन प्रतिनिधि और पीडब्ल्यूडी अफसर मस्त हैं।
क्षेत्रवासी बताते हैं कि पंद्रह साल के लंबे इंतजार के बाद आठ साल पहले इस सड़क का जीर्णोद्धार कराया गया था। लेकिन फोरलेन बनने पर टोल टैक्स से बचने के लिए चौबीसों घंटे धमाचौकड़ी करते सैकड़ों भारी वाहनों और रेता-मिट्टी खनन में जुटे डंपरों, ट्रैक्टर ट्रालियों ने जल्दी ही सड़क को उधेड़ डाला। तब से कई बार मुख्यमंत्री के जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायतें भी की गईं। केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, क्षेत्री़य विधायक डा. डीसी वर्मा ने आश्वासन भी दिये लेकिन एक दर्जन गांवों को जिला, तहसील और ब्लाक मुख्यालय से जोड़ने वाली इस प्रमुख सड़क का जीर्णोद्धार नहीं कराया जा सका है। सरकारी अस्पताल की एंबुलेंसों के अलावा कई स्कूलों की बसें और दो दर्जन से ज्यादा ई-रिक्शा भी बड़े-बड़े गड्ढों से पटी इस सड़क पर मरीजों, स्कूली बच्चों और आमजन को ढो रहे हैं। सड़क के गड्ढों में फंसकर अक्सर ई-रिक्शा पलट जाते हैं। हादसों में सवारियों में शामिल मरीज भी गंभीर घायल हो जाते हैं। लेकिन सड़क का जीर्णोद्धार नहीं कराया जा रहा है। ग्राम पंचायत सदस्य सचिन शर्मा, बीडीसी मेंबर कन्हईलाल, राजेश्वर गंगवार, पूर्व कोटेदार बद्री प्रसाद ने केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार की सिफारिशी चिट्ठी के साथ डीएम को ग्यापन देकर व्यापक जनहित में यह सड़क प्राथमिकता से बनवाने की गुजारिश की है।
– बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट