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सगी भाभी की हत्या मे पूर्व छात्र नेता मुदित प्रताप, उसके बड़े भाई को सात-सात साल कैद

बरेली। दहेज मे बाइक और कलर टीवी की मांग को लेकर 23 वर्ष पूर्व सगी भाभी की हत्या कर शव गायब करने के मामले में विशेष जज अभय श्रीवास्तव की विशेष कोर्ट ने बरेली के पूर्व छात्र नेता मुदित प्रताप सिंह और उसके बड़े भाई अरुण सिंह को सश्रम सात-सात साल की कैद की सजा सुनाई। विशेष कोर्ट ने दोनों पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने में से 25 हजार मृतका के पिता को देने के भी आदेश कोर्ट ने दिये है। सीबीसीआईडी के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी और एडीजीसी क्राइम अनूप कोहरवाल ने बताया कि मुरादाबाद के थानाक्षेत्र बनियाठेर के गांव नगला निवासी विजय पाल सिंह ने 18 जून 2001 को थाना विशारतगंज में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने बेटी ममता की शादी 27 जून 1999 को अतरछेड़ी गांव के संजय सिंह के साथ की थी। शादी के बाद ममता की पहली विदाई को पिता और परिजन अतरछेड़ी पहुंचे। आरोप था कि पति संजय सिंह, ससुर तिलक सिंह, सास श्यामा सिंह, जेठ अरुण सिंह और देवर मुदित प्रताप सिंह ने दहेज में बाइक और कलर टीवी न मिलने पर विवाहिता को बगैर विदा किये सभी को वापस भेज दिया था। ममता के पिता 29 जनवरी 2000 को 25 हजार रुपये लेकर पहुंचे तब ससुरालवालों ने बमुश्किल से विदाई की। मायके में ही ममता ने पुत्र को जन्म दिया। 29 मार्च 2001 को संजय सिंह, उसके पिता तिलक सिंह, भाई अरुण सिंह और मुदित सिंह विवाहिता से दहेज की मांग न करने का वादा करके मायके से विदा कराकर लाये थे। उसके बाद भी ससुरालवाले बाइक और कलर टीवी की मांग को लेकर ममताव को परेशान करते रहे। 17 जून 2001 को ममता का भाई अतरछेड़ी पहुंचा तब घर में ताला लगा हुआ था। जानकारी मिली कि दहेज की मांग पूरी न होने पर ससुरालवालों ने उसकी बहन ममता की 13 जून 2001 को हत्या कर शव गायब कर दिया। सुनवाई विशेष जज अभय श्रीवास्तव की विशेष कोर्ट में हुई। आरोप साबित करने को सीबीसीआईडी के वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी रामनाथ तिवारी और एडीजीसी क्राइम अनूप कोहरवाल ने दस गवाह पेश किये थे। सुनवाई के दौरान ससुर तिलक सिंह, सास श्यामा और पति संजय सिंह की मौत हो गयी थी।।

बरेली से कपिल यादव

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