वाराणसी- चौबेपुर क्षेत्र के गौरा उपरवार गांव के गंगा किनारे स्थित श्री श्री 1008 मौनी बाबा आश्रम के पीठाधीश्वर संत तपस्वी बाबा ब्रह्मचारी जी महाराज मंगलवार को ब्रह्मलीन हो गए थे। भक्तों सहित आसपास के भक्तों ने आश्रम पर पहुंचकर ब्रह्मलीन तपस्वी बाबा के पार्थिव शरीर को डोली में सजा कर गाजे बाजे के साथ भू समाधि की तरफ ले गए ।आश्रम के नियमानुसार आवश्यक क्रिया कर्म के बीच आश्रम परिसर में ही उन्हें भू समाधि दी गई।
कौन थे मनोहर दास ब्रम्हचारी
मनोहर दास ब्रह्मचारी जी का जन्म महाराष्ट्र के वर्धा जिले के सेलू गांव में हुआ था ब्रह्मचारी महाराज के बचपन का नाम मनोहर दास था वे अपने दो बहनों और चार भाइयों में सबसे छोटे थे। लगभग चार दशक पहले उन्होंने अपना घर छोड़ दिया घर त्यागने के बाद उन्हें श्री श्री 1008 मौनी बाबा का सानिध्य प्राप्त हुआ यहीं से उनके ब्रह्मचारी महाराज बनने की यात्रा शुरू हुई।
सनातन मत के अनुसार
संत परंपरा में तीन तरह के संस्कार होते हैं इसमें दाह संस्कार भू समाधि और जल समाधि शामिल है। जिसमें तपस्वी बाबा को भू समाधि दी गई। उन्हें श्रद्धांजलि देने सर्व प्रथम चंदौली सांसद भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय ने मोबाईल द्वारा ब्रह्मचारी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। अजगरा विधानसभा के विधायक त्रिभुवन राम, प्रोफेसर ज्ञानेश्वर चौबे, ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राम जी, दुष्यंत सिंह मोनू, डा सुधीर सिंह संगम, अपूर्व कुमार तिवारी, पप्पू सिंह, कमलेश यादव पूर्व प्रधान, पवन चौबे, राहुल तिवारी, शिवशंकर पाठक, पप्पू चौरसिया बिपिन सिंह ,आदि कई प्रमुख लोगों के अलावा कई प्रांतों के श्रद्धालु व उनके परिवार के लोग शामिल रहे।
श्री श्री 1008 मौनी बाबा आश्रम के पीठाधीश्वर संत तपस्वी बाबा ब्रह्मचारी जी महाराज हुए ब्रह्मलीन
