बरेली। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस बार सात सितंबर को धूमधाम से नाथनगरी मे मनाई जाएगी। इसके लिए मंदिरों से लेकर घरों तक मे तैयारी शुरू हो गई है। महापुण्यदायक रोहणी नक्षत्रयुक्ता दुर्लभ जयंती योग मे इस बार भगवान श्रीकृष्ण का प्राकट्योत्सव मनाया जाएगा। जगतपति पालनहार भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र मध्य रात्रि को होता है लेकिन इस बार अष्टमी तिथि छह सितंबर बुधवार को दोपहर 3:37 से प्रारंभ हो जाएगी जो सात सितंबर की शाम 4:13 तक रहेगी। वही रोहिणी नक्षत्र छह सितंबर की सुबह 9:18 से प्रारंभ हो जाएगी जो सात सितंबर को सुबह 10:23 तक रहेगी लेकिन छह सितंबर को रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि रहेगी जिसमें भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। लेकिन यह दोनों ही इस दिन सूर्योदय के समय नही रहने से अगले दिन सात सितंबर को यह पर्व मनाया जाएगा। सात सितंबर को सूर्योदय के समय से दोपहर तक अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र रहेगा। इसलिए इन्हें रात तक मान्य किया जाएगा। क्योंकि त्योहारों में उदया तिथि की विशेष प्रधानता मानी जाती है। इसलिए पूजा के लिए नवमी युक्त अष्टमी तिथि मे कोई दोष नही है। इसी कारण बरेली के सभी मंदिरों में सात सितंबर को जन्माष्टमी मनाई जा रही है। इस दिन सूर्य स्वराशि सिंह मे बुध ग्रह के साथ गोचर कर रहे है जिससे बुधादित्य योग का निर्माण होता है। पंडित राजीव शर्मा के मुताबिक ज्योतिष शास्त्र में बुधादित्य योग में की गई पूजा-अर्चना का फल कई गुना ज्यादा प्राप्त होता है और शीघ्र ही मनोरथ पूर्ण होते हैं। साथ ही हर कार्य तेजी से सफल होता है। वही अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र युक्त होने के कारण जयंती योग का निर्माण होगा। इस योग में पूजा करने से भगवान की शीघ्र कृपा प्राप्त होती है।।
बरेली से कपिल यादव