बाड़मेर / राजस्थान- हमारी सरहदों पर देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले फौजी भाई दिल के सीधे और स्पष्टवादिता के कारण आमजनता में उनकी एक अलग ही पहचान होती है और सेवानिवृत्ति के बाद घर परिवार के साथ शकुन भरी जिदंगी जीने से पहले ही राजनीति के मैदान में जिन्हें एबीसीडी भी नहीं आती थी और बड़े भाजपाई नेताओं ने पार्टी के सिम्बल पर शिव विधानसभा का चुनाव लड़ने का झंडा थमा दिया। फौजी ने सरहदों पर दुश्मनों के छक्के छुड़ाने की तरह ही रणनीति से चुनावों के दौरान दिन रात एक कर दिया लेकिन आखिरकार परिणाम आप लोगो को भी मालूम है। इस बार भाजपाई नेताओं ने वापस शिव विधानसभा क्षेत्र में खंगार सिंह सोढा पर भरोसा जताया है और सभी पार्टी से विधायक दावेदारी करने वाले नेताओं को साथ में रखकर नयी रणनीति बनाकर इस बार शिव विधानसभा क्षेत्र की आम अवाम के आशीर्वाद से ही मैदान फतेह करेंगे। पिछले परिणामों की चिन्ता किएँ बगैर ही शिव विधानसभा क्षेत्र की जनता के दुख सुख में भागीदारी निभाने में कोई कौर कसर बाकी नहीं रखीं है और हमारे अपने मतदाताओं से हमें पूरा विश्वास है कि इस बार अपने आशिर्वाद के साथ रणकौशल के यौद्धा की तरह विजय प्राप्त करवाएंगे।
शिव विधानसभा क्षेत्र में समय समय पर पिछले राजस्थान विधानसभा चुनावों में शिव विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के अमीन खां ने जीत दर्ज की थी। दो सौ सीटों वाली विधान सभा के लिए सात दिसंबर को मतदान हुए थें। बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा सीट पर सबकी नजरें टिकी थीं, क्योंकि यहां से बीजेपी के संस्थापक सदस्य रहे जसवंत सिंह के पुत्र मानवेंद्र सिंह विधायक रहा करते थें, लेकिन पार्टी में उनकी लगातार अनदेखी के चलते उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस ने हर बार की तरह इस बार भी अपने पुराने प्रत्याशी पूर्व मंत्री अमीन खान को चुनाव मैदान में उतारा था और बीजेपी ने एक बार फिर राजपूत प्रत्याशी पर ही भरोसा करते हुए खुमाण सिंह सौढा पर दांव खेला था।
राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र बाड़मेर के शिव विधानसभा क्षेत्र से 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अमीन खान ने जीत दर्ज की , 2013 के विधानसभा चुनाव में शिव विधानसभा सीट से मानवेंद्र सिंह ने चुनाव जीता था । मानवेंद्र सिंह भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़े थे एवं 2013 के विधानसभा चुनाव में एक लाख से भी ज्यादा वोट प्राप्त करके चुनाव जीते।
2018 के विधानसभा चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी अमीन खान ने 84338 वोट प्राप्त किए थे और भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी खंगार सिंह सोढा ने 60784 वोट प्राप्त किए साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रत्याशी उदाराम मेघवाल ने भी अपनी राजनीतिक बिसात बिछाई और 50944 वोट प्राप्त किए।
राजस्थान की राजनीति में कभी बड़ी सियासी हनक रखने वाले जसवंत सिंह जसोल परिवार 2014 लोकसभा चुनाव के बाद से हाशिए पर चला गया। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने जसवंत सिंह को बाड़मेर से भाजपा की टिकट न देकर कर्नल सोनाराम को खड़ा किया था इसके बाद से लगातार बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से जसोल परिवार के साथ ही बाड़मेर जिले में भाजपाइयों की दूरियां बढ़ती गई।
जोधपुर संभाग में अपनी गौरव यात्रा के दौरान भी मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हर विधानसभा सीट पर प्रचार के लिए गईं. लेकिन मानवेंद्र की शिव विधानसभा पर नहीं गईं. लिहाजा बीजेपी में अहमियत कम होता देख मानवेंद्र सिंह ने 22 सितंबर को बाड़मेर से अलग हुए नये जिले बालोतरा के पचपदरा में स्वाभिमान रैली को संबोधित करते हुए बीजेपी छोड़ने का एलान कर दिया और चालीस सालों से बीजेपी के साथ संबंध खत्म करते हुए मानवेंद्र सिंह ने हजारों लोगों की मौजूदगी में कहा था ‘कमल का फूल, बड़ी भूल’।
– राजस्थान से राजूचारण