आजमगढ़- उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के आह्वान पर बुधवार को श्रीदुर्गा जी स्नातकोत्तर महाविद्यालय चंडेश्वर में महाविद्यालय शिक्षक संघ इकाई के अध्यक्ष डा0 प्रवेश सिंह की अध्यक्षता में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर महाहड़ताल शुरू हुआ। सभी सदस्य महाविद्यालय में फुपुक्टा की मांग पत्र की प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए सरकार के उपेक्षापूर्ण रवैये के विरोध में कार्य बहिष्कार करते हुए धरने पर बैठ गये। शिक्षकों ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा यदि डिग्री शिक्षकों की मांगों के संबंध में अवलिम्ब सकरात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो प्रदेश के सभी शिक्षक आंदोलन के अगले चरण में 12 फरवरी से पुनः आंदोलन होंगे।धरने की अध्यक्षता कर रहे संघ के अध्यक्ष डा0 प्रवेश सिंह ने कहाकि सरकारें न जाने क्यों शिक्षकों के प्रति उपेक्षात्मक रवैया अपनाती है। आज की जो मांगे प्रदेश इकाई ने लिया है इस सम्बन्ध में सबसे पहले शिक्षा मंत्री से प्रदेश कार्यसमिति में पूर्व में मिलकर अवगत कराया है। हमारी प्रमुख मांगे पुरानी पेंशन बहाल किये जाने की है लेकिन शिक्षामंत्री के उपेक्षात्मक रवैये के कारण मजबूर होकर महाहड़ताल करने का निर्णय लेना पड़ा। उन्होने कहाकि इस सम्बंध में प्रदेश के मुख्यमंत्री ने सकारात्मक रूप दिखाया था लेकिन एक शिक्षक होने के बावजूद भी शिक्षा मंत्री का यह कृत्य घोर निंदनीय है। सरकार को शिक्षकों की मांगों को हर हाल में पूरा करना होगा। क्योंकि धन के बगैर जीविकोपार्जन नहीं हो सकता। श्री सिंह ने कहाकि शिक्षक समाज का निर्माता होता है। शालीनता हमारी कमजोर नहीं, हम शिक्षकों का आभूषण है। संघ के अध्यक्ष की बातों का सभी शिक्षकों ने समर्थन किया। महामंत्री डा अजीत प्रताप सिंह ने लड़ाई को अंजाम तक पहुंचा कर ही दम लेने की बात कही। पूर्वांचल विश्वविद्यालय इकाई के सहमंत्री डा0 राजीव त्रिपाठी ने डा0 सिंह की बातों का समर्थन किया। पूर्व प्राचार्य डा0 फूलचंद सिंह ने प्रदेश इकाई को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। पूर्व प्राचार्या डा0 मधुबाला ने सरकार के हठवादी रवैये पर रोष जताते हुये कहाकि सरकार अगर शिक्षकों की मांगों को पूरा नहीं किया तो इसका परिणाम उसे भुगतना पड़ेगा। उन्होने पुरानी पेंशन बहाली को सरकार से यथाशीघ्र विचार करने की बात कहीं। संचालन महामंत्री डा अजीत प्रताप सिंह ने किया।धरने में डा0 ईश्वर चंद त्रिपाठी, डा सुनील, डा0 विरेन्द्र दूबे, डा0 राजेश, डा0 मौर्य, डा0 विष्णु, डा0 आरके, डा0 अशोक, डा0 कौशल, डा0 रामजी, डा0 सुनील, डा0 हर्ष आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़