बरेली। उर्स ए शराफती मे रविवार को कुल की रस्म में अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ पड़ी। अकीदतमंदों ने कुल में शरीक होकर खिराज-ए-अकीदत पेश की। 57वें उर्स शाह शराफत मियां के कुल शरीफ की रस्म रविवार की सुबह 11:00 बजे दरगाह शराफत मियां पर अदा की गई। कुल शरीफ की रस्म मे शामिल होने के लिए देशभर से जायरीन दरगाह पर पहुंचे। पीर के लिए अकीदतमंदों का नजारा यह था कि अकीदत के दीवाने दरगाह शाह शराफत से लेकर आसपास की सड़क और गलियों पर दिखाई दिए। मुल्क में अमन चैन और कौम की सलामती की दुआ की और नफरत फैलाने वालों की मजम्मत की है। कुल की रस्म मोहल्ला शाहाबाद स्थित दरगाह शाह शराफत अली मियां पर हुई। मीडिया प्रभारी हमजा सकलैनी ने बताया कि सुबह 11 बजे कुल की रस्म शुरू होने से पहले उलेमा की तकरीर प्रोग्राम चला। दरगाह के सज्जादानशीन गाजी मिया ने कुल शरीफ की रस्म के बाद देश मे अमन चैन ओर भाईचारे की दुआ की। उर्स के मंच से मुसलमानों को पैगाम दिया गया कि वह दुनियवी तालीम के साथ दीनी तालीम भी हासिल करें। मुसलमानों से अपील की गई कि वह अपने गांव मोहल्ले की गरीब लड़कियों की शादी कराने में आगे आएं। दरगाह कमेटी की तरफ से उर्स-ए-सकलैनी के मौके पर 3 अक्टूबर को बिशप मंडल इंटर कॉलेज के मैदान में गरीब लड़कियों के सामूहिक निकाह कराए जाने की तैयारी की जा रही है।।
बरेली से कपिल यादव