शामली- पश्चिमी उत्तर प्रदेश का शामली जनपद वर्ष 2015- 2016 में रंगदारी मांगने के चलते पलायन एंव छेडछाड करने वाले शोहदों की करतूतों ने शामली को दागदार करने की कोशिश की तो यह मुददा कई राजनैतिक दलों के लिए संजीवनी बन गया। ऐसे में उ.प्र. शासन ने 2011 बैच के आईपीएस अजयपाल शर्मा को शामली के कप्तान की कमान सौंपी । अजयपाल शर्मा ने कमान सँभालते ही शामली में बदमाशों के सफाए के लिए अपने अंदाज में काम करना शुरू कर दिया। फिर क्या था अजयपाल शर्मा की टीम ने मुकीम काला, कग्गा, विपुल खूनी जैसे रंगदारी मांगने और सुपारी लेकर ह्त्या करने वाले बदमाशों के गैंग के एनकाउन्टर करने शुरू कर दिए, नतीजा आया कि शामली और कैराना में रंगदारी एंव सुपारी लेकर हत्या करने की घटनाओं पर लगाम लग गयी। इसके बाद शासन ने अजयपाल शर्मा को यूपी के जनपद नोएडा का एसएसपी बना दिया। अजयपाल शर्मा के बाद शामली में कई कप्तान आए और चले गए, इस बीच शामली में छेडछाड करने वाले शोहदों की हरकते बढने लगी, इसी दौरान उत्तर प्रदेश शासन में 16 नवंबर 2018 को शामली की कमान अजयपाल शर्मा के ही बैचमेट और हमनाम अजय कुमार को सौंप दी। अजय कुमार ने चार्ज संभालने के बाद शामली को शोहदों से मुक्त कराने के लिए महिला सशक्तिकरण के तहत स्कूलों में पुलिस की पाठशाला शुरू की है। क्या है उनकी पुलिस की पाठशाला जानते है। सत्यदेव पचौरी हिन्दी साहित्य से 2011 के सिविल सर्विसज के एग्जाम को पास कर यूपी कैडर के आईपीएस बनने वाले अजय कुमार अब शामली जनपद के पुलिस कप्तान है। अक्सर पुलिस अफसर दफ्तर में जन समस्याएं सुनकर लंच टाइम में आराम करना पंसद करते है मगर आईपीएस अजय कुमार ने दफ्तर टाइम के बाद आराम करने के बदले इस समय को गुड पुलिसिंग के लिए चुना और उन्होने शामली में लडकियो को शोहदों के खिलाफ मन से मजबूत करने के लिए स्कूलों में पुलिस की पाठशाला शुरू की। शामली जनपद में कानून व्यवस्था सुधारने एंव गुड पुलिसिंग के लिए अजय कुमार वैसे तो कई एंगल पर काम कर रहे है। महिला सशक्तिकरण पर स्कूली छात्राओं को शोहदों से बचने के लिए अक्सर जुडो कराटें सिखाने से लेकर अन्य तौर तरीके भी विपरीत परिस्थितियों में बचने के लिए बताए जाते है मगर आईपीएस अजय कुमार शामली की छात्राओं को पुलिस की पाठशाला में इन तौर तरीको के अलावा मन से मजबूत बनकर शोहदों की छुट्टी करने के लिए स्कूलों में स्वंय अध्यापक बन पुलिस की पाठशाला लगाकर उन्हें गुर सिखा रहे है। अब तक अजय कुमार 16 स्कूल जिनमें सिल्वर बेल्स, सेन्ट आरसी, सरस्वती विद्या मंदिर एंव महिला पाॅलिटेक्निक में जाकर पुलिस की पाठशाला लगा चुके है। आईपीएस अजय कुमार अध्यापक एंव अभिभावक बनकर छात्राओं से अनुभव शेयर करते हुए उन्हे अपना मोबाइल नंबर देते है और लडकियो को मन से मजबूत करने को प्रेरित करते है इस आईपीएस की पाठशाला में लडकिया सवाल करती है, तो वह उनको संतोषजनक एंव भरोसेमंद जवाब भी देते है । अक्सर छात्राएं सवाल करती है कि पुलिस के अफसर फोन नही उठाते है तो कई बार असहज स्थिति हो जाती है इस पर अजय कुमार उत्तर देते है कि मेरा सीयूजी फोन हमेशा उठता रहा है। आईपीएस अजय कुमार पुलिस की पाठशाला में समाजसेवियो को भी साथ में रखते है। पुलिस की पाठशाला लगाने के सवाल पर कप्तान अजय कुमार कहते है पुलिस की पाठशाला लड़कियों को मन से मजबूत करने के लिए शुरू की गयी है, इस पाठशाला में कोशिश करता हूॅ कि छात्राएं अपनी बात बेबाकी से कह सके जनता का पुलिस पर विश्वास बढ़े और लडकिया अपने घर जाकर माॅ-बाप और परिजनों के बीच पुलिस की पाठशाला की चर्चा करेगी और समाज में पुलिस की छवि में सुधार होगा आईपीएस अजय कुमार कहते है आज की बेटियां मजबूत है और उनको मन से मजबूत करने की जरूरत है जिस घर मे मां मजबूत इरादे वाली होती है उनकी बेटियां भी निडर होगीं। इसलिए लडकियो को मन से मजबूत कर उनके मनो से छेडछाड करने वाले शोहदों का डर निकालने के लिए पुलिस की पाठशाला शुरू की गयी है।
वो कहते है मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।
दिन में दफ्तर तो शाम को 9 बजे तक अपने कैम्प कार्यालय में काम करने वाले आईपीएस अजय कुमार के कार्यकाल के मात्र 40 दिन में शामली में पुलिस की पाठशाला का असर दिखने भी लगा है। इस अभियान से शोहदों के छेडछाड करने की सूचनाओं में कमी आने लगी है अगर कहीं ऐसी सूचना मिलती भी है तो कप्तान अजय कुमार स्वंय ऐसी शिकायतो के निस्तारण में आगे आते है। गौरतलब है कि पुलिस की पाठशाला अटेंड कर चुकी झिंझाना थाना क्षेत्र के ऊन इलाके की कक्षा 9 की एक छात्रा ने कप्तान अजय कुमार को फोन किया, उसने बताया कि वह एक स्कूल में कक्षा 9 की छात्रा है। उसने अपने स्कूल का नाम बताते हुए कहा कि मै सुबह साढे़ आठ बजे स्कूल पहुंच जाती हॅू इससे पहले रास्ते में एक लडका मुझसे छेडछाड़ करता है। उस लडकी ने उस लड़के का नाम एंव मोबाइल नंबर भी एसपी अजय कुमार को बताया। फोन डिस्कनेक्ट होने के बाद अजय कुमार ने उस शोहदें से फोन पर बात की और उसको कहा कि अगर इस लडकी के साथ भविष्य मे छेड़छाड़ की तो तुम्हारे खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी तुम्हे इसलिए चेतावनी दी जा रही है तुम छात्र हो और सुधर जाओ। इसके बाद कहीं वह लडका फिर इस छात्रा के साथ छेडछाड़ तो नही कर रहा है एक दिन आईपीएस अजय कुमार सुबह सवेरे ही उस लडकी के स्कूल पर पहुंच गये । उन्होने उस लडकी को फोन कर कहा कि मै तुम्हारे स्कूल के आसपास ही खडा हूॅ वह लडका अब तुम्हारे साथ छेड़छाड़ तो नही कर रहा हैं इस पर लडकी कप्तान अजय कुमार के पास ही आ गयी और उसने कहा कि आपकी पाठशाला से मन मजबूत हुआ और मैने उस लड़के के खिलाफ आपको फोन किया आपने फोन खुद रिसीव किया और उस लडके की छेड़छाड़ से मुझे बचाया उसके लिए शामली पुलिस और आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
– सौरभ पाठक