शहर के तमाम औलिया-ए-कराम के आस्ताने पर अक़ीदत मंदो का रात भर रहा हुजूम

भदोही- शअबान कि पंद्रहवीं तारीख को शबे-बरआत का पर्व बड़े ही अक़ीदतो एहतेराम के साथ मुस्लिम मोहल्लों में मनाया गया। शबे-बरआत के दिन हर घरो में हलवा पका कर हज़रते अवैस करनी रज़िअल्लाह तआला अन्हु को फातेहा कर नज़्र किया। नज़्र कि हुई शीरीनी को अपने पड़ोसियों रिश्तेदारो गरीबो मिस्कीनों यतिमो बेवाओं में तक़सीम किया गया। अलसुबह से ही मुस्लिम महिलायें पाक साफ़ हो कर फातेहा ख्वानी में मशगूल रही तो वहीँ छोटे बड़े बुज़ुर्गो ने बारगाहे परवरदिगार में सज्दा रेज़ होकर मगफिरत कि दुआएं की।मस्जिदों में नमाज़ी कसीर तायेदाद में देखे गए जहां अपने रब कि हम्दो सना और बारगाह इलाही में अपने गुनाहो पर नादिम हो कर खताओं कि माफ़ी मांगी। शहर के तमाम मस्जिदों में नमाज़ियों कि कसीर तायेदाद देखी गई।जो अपने रब कि किब्रियाई में मशगूल रहे। मगरिब कि नमाज़ अदा करने के बाद अक़ीदत मंद हज़रात बारगाहे औलिया में हाज़िर हो कर फातेहा पढ़ी तो वहीँ अपने आबा व अजदाद के कब्रो पे जा कर उनके लिए मगफिरत कि दुआएं की। अक़ीददत मंदो ने कुत्ब-ए-भदोही हज़रत सैयद मीर उबैदुल्लाह शाह रह., हज़रत ज़ाहिद शाह बाबा, हजरत नाबीना शाह बाबा, हज़रत आलम शहीद बाबा, शहर वर्दी हज़रत दाता कल्लन शाह रह., हज़रत तसला शाह बाबा, हज़रत जानू शहीद बाबा, हज़रत लाइन शहीद बाबा, हज़रत मीरा शहीद बाबा, हज़रत गयासुद्दीन बाबा, हज़रत हाजी अब्दुल वहाब चरम पोश रह., हज़रत इनायित शहीद बाबा, हज़रत गलबले शहीद बाबा, हज़रत हकीम सकिम बाबा, सहित तमाम बुज़ुर्गाने दीन के मज़ारात पे अक़ीदत मंदो ने हाज़री लगाईं तो वहीँ रात भर ज़ायेरिनो से पूरा शहर गुलज़ार रहा ज़ायेरिनो को लोगो ने शरबत व चाय पिला कर अपने लिए ईमान कि सलामती और आलमे इस्लाम के लिए दुआएं की दरख्वास्त की वहीं अक़ीदत मंदो में हाफिज अशफाक रब्बानी हाजी शफ़क़त इमाम सिद्दीकी, डॉक्टर शफ़ाअत इमाम सिद्दीकी, शाहिद इकबाल सिद्दीकी, नसीम अख्तर सिद्दीकी, खुर्शीद इकबाल सिद्दीकी, फ़िरोज़ इकबाल सिद्दीकी, सना सिद्दीकी, वसीम अख्तर सिद्दीकी, मो.सबीह सिद्दीकी, मोहम्मद अली सिद्दीकी, सहित सभासद गुलाम हुसैन संजरी, इरशाद अंसारी गुड्डू, हन्नान अंसारी, हसीब खां, मुगीश अंसारी इरशाद अंसारी बब्लू, साहबे आलम गुड्डू, नईम खां आदि लोगो ने जहां आलमे इस्लाम के लिए दुआ की तो वहीं अपने मुल्क व शहर में अम्नो अमां के लिए बारगाहे परवरदिगार व बारगाहे औलिया-ए-कराम में दुआ की।
पत्रकार आफ़ताब अंसारी

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