मेरठ – जनपद मेरठ के चम्बर भवन में आज वैस्टर्न यूपी चैम्बर ऑफ़ कामर्स की 74 वीं वार्षिक मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जे के गुप्ता ने की जिसमे मु0 नगर के नीलकमल पुरी चार पदाधिकारी एंव 11 कॉंसिल सदस्य तीन वर्षों तक के लिए निर्विरोध चुने गए ।
जिसमे अध्यक्ष अध्यक्ष पद पर डॉ0 रामकुमार गुप्ता मै शुभम आग्रेनिक लि0 मेरठ व उपाध्यक्ष बनने वालों में नीलकमल पुरी मै इंडो गल्फ फार्मेस्टकल मु0 नगर,
शशांक जैन मै सारू स्मेल्टिंग प्रा 0 लि0 मेरठ, लोकेश कुमार सिंघल मै यूपी इन्सुलेटिंग केबिल कं0 हापुड़ के साथ कौंसिल सदस्यों में अनिल कुमार जैन मै0 मुकुल ब्रदर्स, अजीत जैन मै एक्मे ड्रैसिंग, गोपाल अग्रवाल मै बंसल फार्मेस्टिकल, सुमनेश अग्रवाल मै प्रीमियर लेगार्ड वर्क्स, राजेन्द्र सिंह मै इंद्रा ब्रिक्स ,अशोक जैन मै अनन्त एन्टरप्रेजेज , के ऍन सिंघल मै ग्रोमोर टूल्स प्रा 0 लि0, सुशील कुमार जेन मै ईंडक्राफ्ट एक्सपोटर्स ,अतुल जैन मै अलिकोंन ,ग्रीस कुमार मै साईं पावर वियर मार्केटिंग प्रा0 लि0 , राजकुमार कंसल मै मेरठ एग्रो केमिकल इंडस्ट्रीज लि0 के नाम पर मुहर लगी।
इस वार्षिक जनरल मीटिंग में उत्तर प्रदेश के व् मेरठ के औद्योगिक विकास पर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसे यूपी सरकार व् स्थानीय प्रशासनिक अधिकारीयों को प्रेषित किया गया ।
वार्षिक जनरल मीटिंग के उपरांत चैम्बर का वार्षिक अधिवेशन प्रारम्भ किया गया जिसमे प्रख्यात अर्थशास्त्री एँव चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के वाईस चांसलर प्रो0 डॉ0 ऍन के तनेजा ने व्यापारियों व् उधमियों के लिए वर्तमान आर्थिक स्थित पर अपना व्याख्यान दिया ।
कार्यक्रम में चैम्बर के उपरोक्त सदस्यों के अतिरिक्त जी सी शर्मा,अतुल भूषण, एस पी अग्रवाल, सुरेश कुमार गोयल ,अजय प्रकाश मित्तल एंव हापुड़,मुज़फ्फरनगर , बागपत,सहारनपुर, गाजियाबाद, के उधमी सदस्यों ने भाग लिया।
इस मीटिंग में देश की गिरती हुई अर्थव्यवस्था पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और सरकार की तमाम कोशिशो के बावजूद अर्थव्यवस्था में कोई सुधार होता नही दिखाई दिया ।वैस्टर्न यूपी चैम्बर ऑफ़ कामर्स एन्ड इंड्रस्टीज की राय में जब तक अधिकारियों के द्वारा नीतियों के क्रियान्वयन पर निगरानी रखने के लिए किसी तंत्र का निर्माण नहीं होगा तब तक स्थिति में कोई सुधार नहीं होगा। आज आवश्यकता है कि विभिन्न सरकारी विभागों के बीच समन्वय हो और हर विभाग सरकार की मंशा को समझते हुए जल्दी से जल्दी निर्णय ले।
नेशनल कैपिटल रीजन के अंतर्गत आने वाले नगरों में दिल्ली से नागरिक जाकर तभी बस सकतें है जब वहां दिल्ली जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हों। यह मेरठ का दुर्भाग्य है कि 40 वर्षों से अधिक समय हो गया परन्तु नेशनल कैपिटल रीजन के अंतर्गत मेरठ का विकास अभी तक नही हो सका है ।
इस क्षेत्र में औद्योगिक विकास के सम्बन्ध में कुछ सुझाव निम्न हैं:-
केंद्र व् राज्य सरकार औद्योगिकरण की ओर अग्रसर है, लेकिन औद्योगीकरण तभी सम्भव है जबकि औद्योगिक क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँ।
जिसमे विधुत की निरन्तर उप्लब्धता ,पानी की निकासी ,पथ प्रकाश व्यवस्था,कानून व्यवस्था ,कूड़े का निस्तारण एंव गड्ढा मुक्त सड़कें आदि औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कें बहुत जर्जर अवस्था में है व् पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नही है इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
गत वर्ष लखनऊ में प्रदेश सरकार ने इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से से लगभग 5 लाख करोड़ रु0 के निवेश का एम ओ यू साईन किया था । मेरठ से करीब 900 करोड़ के निवेश की घोषणा हुई थी किन्तु पूरी की पूरी कार्यवाही जमीन ना मिलने के कारण बीच भंवर में रह गई ।
एक वर्ष व्यतीत हो गया किन्तु कहीं भी जमीन का अधिकरण नही हो पाया और परतापुर कताई मील की 89 एकड़ जमीन को औद्योगिक क्षेत्र में परिवर्तित करना भी एक स्वप्न बनकर रह गया है इस पर आज तक कोई निर्णय नही हो पाया।
आज चैम्बर की वार्षिक आम सभा में ये प्रस्ताव पारित हुआ की व्यापार एंव उद्योगों के विकास के लिए कागजों पर की गई घोषणाओं को धरातल पर उतारने की आवस्यकता है और सम्बंधित विभागों व् बैंकों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करने की आवश्यकता है ।।
अंत में उपाध्यक्ष नील कमल पुरी ने सभी का आभार व्यक्त किया ।।
रिपोर्ट भगत सिंह