वेब मीडिया की मान्यता व इनके पत्रकारों को अन्य पत्रकारों के समान ही मान सम्मान दिलाये जाने के लिए गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों की संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया ने पुन: एक पत्र केन्द्रीय सूचना एंव प्रसारण मंत्री माननीय अनुराग ठाकुर जी को लिखा है।
पत्र मे संस्था के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा है कि लोकतंत्र में अपनी बात रखने व कहने का हमारा अधिकार मूल संवैधानिक अधिकारों मे एक है।पत्रकार और मीडिया कर्मी लगातार जनता की समस्याओ को अपनी जान जोखिम में डालकर उजागर करते है।आज के समय मे वेब मीडिया की पकड़ जनता तक आसान हो चुकी है।इसी को देखते हुए लघु एवं मध्यम वर्गीय समाचार पत्रों ने अपना रुख वेब मीडिया की ओर किया और अपनी बात जनता तक पहुंचाने में सफल भी रहे।इसी को देखकर संपूर्ण मीडिया जगत इस ओर आकर्षित हुआ।आज समाज के हर तबके तक अपनी बात पहुंचाने का सशक्त माध्यम बन गई वेब मीडिया।
सरकार ने इनके लिए सरकारी विज्ञापन की नीति भी बना दी।इनके पत्रकारों को श्रमजीवी पत्रकार भी मान लिया गया।और इसे सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत भी मान लिया गया।लेकिन इसकी मान्यता को लेकर आज भी संशय बना हुआ है यही कारण है आज इनके पत्रकार उस मान सम्मान से वंचित है जो मान सम्मान अन्य पत्रकारों को प्राप्त है।
वेब मीडिया आज प्रेस एक्ट का पालन भी करती है।आज हर जिम्मेदार चाहे वह सरकार का जनप्रतिनिधि हो या विपक्ष का नेता या कोई प्रशासनिक अधिकारी ही क्यों न हो अपनी बात वेब मीडिया पर तो रखते है किन्तु इसकी मान्यता की बात आते ही चुप्पी साध लेते है। इसकी मान्यता पर आज देश के लाखों पत्रकारों का भविष्य अधर मे लटकता हुआ दिखाई दे रहा है।
गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों की संस्था जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया (रजि.) आपसे मांग करती है जल्द से जल्द वेब मीडिया के रजिस्ट्रेशन की कार्यवाही शुरू की जाये।जिससे इससे जुड़े लाखों पत्रकारों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
बता दे कि वेब मीडिया को मान्यता दिलाये जाने के लिए संस्था पूर्व मे भी माननीय लोक सभा अध्यक्ष व प्रधानमंत्री जी को भी पत्र लिख चुकी है। वर्तमान समय मे देश के लाखों पत्रकार वेब मीडिया पर पत्रकारिता कर रहें है लेकिन वेब मीडिया की मान्यता न होने से इनके पत्रकारों को वह मान सम्मान नहीं मिलता जो अन्य पत्रकारों को मिलता है।