राजस्थान/सादडी- नगर के ज्योति बा फूले विद्या मंदिर मे क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की जन्म जयंती से मनाई गई| प्रधानाचार्य प्रवीण प्रजापति ने छात्रों को चंद्रशेखर आजाद का जीवन परिचय कराया जिसमे उन्होंने बताया की भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक एवं लोकप्रिय स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद का जन्म 23 जुलाई, 1906 को मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के भाबरा नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम पंडित सीताराम तिवारी एवं माता का नाम जगदानी देवी था। उनके पिता ईमानदार, स्वाभिमानी, साहसी और वचन के पक्के थे। यही गुण चंद्रशेखर को अपने पिता से विरासत में मिले थे| इसके अतिरिक्त उन्होंने छात्रों को कहा कि क्रांतिकारी चंद्रशेखर की तरह साहसी व निडर बनने का अपने जीवन में लक्ष्य बनाना चाहिए | नारायण राईका ने आजाद के जीवन की कहानी सुनाई जिसमे राइका ने कहा कि चंद्रशेखर आजाद 14 वर्ष की आयु में बनारस गए और वहां एक संस्कृत पाठशाला में पढ़ाई की। वहां उन्होंने कानून भंग आंदोलन में योगदान दिया था। 1920-21 के वर्षों में वे गांधीजी के असहयोग आंदोलन से जुड़े। वे गिरफ्तार हुए और जज के समक्ष प्रस्तुत किए गए। जहां उन्होंने अपना नाम ‘आजाद’, पिता का नाम ‘स्वतंत्रता’ और ‘जेल’ को उनका निवास बताया।
अध्यापिका जीनल व ममता ने भी आजाद के जीवन की घटनाएं सुनाकर बच्चो मे देशभक्ति का माहौल बनाया।
इस दौरान प्रधानाचार्य प्रवीण प्रजापति,अध्यापक संजय सेन, नारायण राईका, अध्यापिका जीनल,ममता व स्टाफगण व छात्र उपस्थित थे।
पत्रकार दिनेश लूणिया