लाचार सिस्टम:रीवर ट्रेनिंग की आड़ में नयार नदी में रात को भारी मशीनों से हो रहा खनन

*नायर नदी में रात में भी खनन माफ़िया में सक्रिय

पौड़ी।उत्तराखंड राज्य में मार्च के महीने में कई जगह रीवर ट्रेनिंग के पट्टे आवंटित हुए थे जो कि आधार मूल्य से लगभग 7 गुना महंगे दामों में बिके थे जिससे अच्छा खासा राजस्व भी सरकार को मिला है।वही सरकार ने मशीनों से खनन की अनुमति दी थी,जिससे माननीय उच्च न्यायालय ने सरकार को फटकार लगाते हुए 15 जून से नदियों से मशीनों से खनन पर पूर्ण प्रतिबंध कर दिया है।
जनपद पौड़ी के सतपुली चमौलीसैण नायर नदी में रीवर ट्रेनिंग के नाम पर खनन माफिया रातभर मशीनों से खनन कर रहे है,वही प्रशासन खनन माफियाओं के आगे नसमस्तक है।वही पूरे प्रदेश में रीवर ट्रेनिंग के पट्टों की आड़ में जमकर नदियों से अवैध खनन का कार्य भारी भारी मशीनों की मदद से जैसे पोकलैंड, एचएम,जेसीबी की मदद से किया जा रहा है। नदियों में बड़े-बड़े गड्ढे बनाकर पूरे 24 घंटे रात और दिन खनन का कार्य किया जा रहा है और यह खनन कार्य पट्टे की सीमाओं के अंदर न करके सीमाओं से बाहर किया जा रहा है।
कोटद्वार सतपुली में तो हाल इतना बुरा है कि शहर का लॉकडाउन सुबह 7:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक खुला हुआ है लेकिन खनन माफिया के ओवरलोड डंपर रात भर सड़कों पर दौड़ रहे हैं। पुलिस ने चुप्पी साध रखी है। एसडीएम ने आंखें बंद की हुई है।लॉक डाउन का पूरा फायदा खनन माफिया जमकर उठा रहे है।,स्थानीय प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है और खनन माफिया चांदी कूट रहे हैं।

#नियम क्या है-

नियम यह है कि किसी भी तरह के खनन कार्य की अनुमति प्रातः 5:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ही होती है और नदियों से चुगान के लिए पोकलैंड, एच.एम जैसी भारी मशीने पूर्णतया प्रतिबंधित है।
खनन माफिया जमकर रीवर ट्रेनिंग के पट्टों की आड़ में सभी मानकों की अवहेलना कर अवैध खनन कर रहे हैं जिसमें खनन माफिया सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाकर अपनी चांदी कूट रहे है।
प्रशासन के संज्ञान में इस बात को पहले भी डाला मगर प्रशासन के कानों पर जूं तक नही रेंगी

– पौड़ी में इंद्रजीत असवाल

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