*तेंदूखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत तेजगढ़ का मामला लोगों का आरोप है कि अगर सभी निर्माण कार्यों की जांच की जाएं तो कई निर्माण कार्यों की खुल सकती है पोल उपयंत्री भी सवालों के घेरों में
मध्यप्रदेश/तेन्दूखेड़ा – सरकार भले ही ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों को लेकर लाखों करोड़ों का बजट देती हो और ग्राम पंचायतों योजनाओं के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर रही हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है जहां लाखों रुपए की राशि से किए जाने वाले निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री और राशि में जमकर बंदरबांट किया जाता है जिसके कारण कोई भी निर्माण कार्य चंद महीनों में अपनी निर्माण कार्यों की हकीकत वयां कर देता है कुछ ऐसे ही निर्माण कार्य तेन्दूखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायतों में चल रहे जो चंद महीनों में अपने निर्माण की हकीकत वयां कर रहे और सरपंच सचिव से लेकर अधिकारियों द्वारा तरह तरह के बहाने बनाएं जा रहे
पांच लाख 44 हजार रुपए की लागत से बनाई गई थी नाली चढ़ीं भ्रष्टाचार की भेंट
मामला तेन्दूखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत तेजगढ़ का जहां पर ग्राम पंचायत द्वारा बनाई गई नाली तीन महीनों में ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई और निर्माण कार्य की पोल खोल कर रख दी है दरअसल तेजगढ़ ग्राम पंचायत द्वारा 5 लाख 44 हजार रुपए की लागत से एक नाली का निर्माण कार्य कराया जा रहा है जो बीते चार महीने से चल रहा है लेकिन अभी तक नाली का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है जो नाली बन चुकी है वह पहली ही बारिश में कुछ स्थानों से टूटकर धराशाई हो गई अब सवाल यह उठता है कि चंद महीने पहले ही बनी नाली टूटकर धराशाई हो गई तो ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए अन्य निर्माण कार्य कितने मजबूत हो सकते हैं और कितना गुणवत्ता का ध्यान रखा होगा जब लाखों की नाली चंद महीनों में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं अगर तेजगढ़ ग्राम पंचायत की जांच कराई जाए तो निर्माण कार्यों में गड़बड़ी मिल सकती है लेकिन यह सब घटिया निर्माण अधिकारियों की मिली और संरक्षण में चलता आ रहा है जिसके कारण कभी भी कोई जांच और कार्यवाही नहीं की जाती है
गुणवत्ता पर उठ रहे सवाल
तेजगढ़ ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों पर अब लोगों द्वारा घटिया निर्माण के आरोप लगाए जा रहे हैं तेजगढ़ ग्राम पंचायत के कुछ लोगों का कहना है कि अगर तेजगढ़ ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए बीते ढाई साल के निर्माण कार्यों की जांच की जाए तो इतनी गड़बड़ियां सामने आ सकती है जो निर्माण कार्यों में सामग्री के नाम पर लाखों रुपए की सामग्री खरीदी जाती है लेकिन निर्माण कार्य कराते समय निर्माण एजेंसी व ठेकेदार द्वारा घटिया और गुणवत्ताहीन सामग्री का उपयोग किया जाता है जिसके कारण चंद महीनों में लाखों के निर्माण कार्यों भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ जाते हैं और लाखों रुपए की सामग्री के नाम पर फर्जी बिल लगाकर राशि का बंदरबांट कर लिया जाता है ग्राम पंचायत तेजगढ़ के लोगों का कहना है कि यह सब घटिया निर्माण कार्यों में अधिकारियों का संरक्षण होता है जो निर्माण कार्य के दौरान निरीक्षण और गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखते हैं ना ही कोई जांच और कार्यवाही नहीं करते हैं जिसके कारण निर्माण एजेंसी और ठेकेदार द्वारा यह घटिया निर्माण कार्यों को करा दिया जाता है
निर्माण कार्यों में अधिकारियों की लापरवाही
ब्लॉक की सभी ग्राम पंचायतों में लाखों करोड़ों के निर्माण कार्य चल रहे हैं इनकी गुणवत्ता व तकनीकी मापदंडों का ध्यान रखना जनपद में पदस्थ यंत्री और उपयंत्रियों की जिम्मेदारी होती है लेकिन अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही से योजनाएं अनियमिता का शिकार हो रही तेजगढ़ ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्य में यंत्री और उपयंत्रियों द्वारा ध्यान नहीं देने के कारण भ्रष्टाचार और धांधली के आरोप लग रहे हैं ऐसे में निर्माण कार्यों में निर्माण एजेंसी व कर्मचारी मनमाने ढंग से योजनाओं को अंजाम दे रहे हैं जहां ग्राम पंचायतों में जमकर निर्माण कार्यों में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार किया जा रहा है गुणवत्ताहीन विकास कार्यों पर विभाग ध्यान नहीं देता है जिसके कारण सरपंच सचिव और अधिकारियों के हौसले बुलंद रहते हैं और वह गड़बड़ी और भ्रष्टाचार करने में लगे रहते हैं
चार महीने में बनकर तैयार नहीं हो पाई नाली
वहीं तेजगढ़ ग्राम पंचायत द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य में ढीलापन देखा जा रहा है जहां बीते चार महीने से नाली का निर्माण कार्य चल रहा लेकिन अभी तक नाली का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है जिसके कारण लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है साथ ही निर्माण सामग्री सड़क पर पड़े रहने से आए दिन जाम और विवाद जैसे हालत बनते रहते हैं फिर भी निर्माण कार्य में लापरवाही से चल रहा है इस और अधिकारियों द्वारा भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है
इस संबंध में जब ग्राम पंचायत के सचिव जुगराज सिंह से बात की गई तो उनका कहना है कि नाली किसी वाहन की चपेट में आने से कुछ स्थान पर टूट गई है और कुछ आसामाजिक तत्वों द्वारा नाली को नुक़सान पहुंचाया गया है नाली का सुधार कार्य कराया जाएगा अभी निर्माण कार्य चल रहा है
वहीं जब नाली निर्माण की लागत के संबंध में उपयंत्री भरत जैन से बात की गई और उनसे नाली की लागत पूछी गई तो उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं है सचिव से पूछ ले अब सवाल यह उठता है जब उपयंत्री को नाली निर्माण की लागत की जानकारी नहीं है तो वो निर्माण कार्यों पर किस प्रकार से ध्यान देते होंगे यह यह भी गजब है।
– मध्यप्रदेश से विशाल रजक