बरेली। दीपावली से पहले रेलवे ट्रेनों के संचालन को लेकर रेलवे ट्रैक को मजबूत करने में लगा है। जिससे यात्रियों को पहले जैसी सुविधा मिल सके। इसके लिए रेलवे के इंजीनियर और ऑपरेटिंग विभाग की ओर से ट्रक मजबूत करने की कवायद चल रही है। सिटी श्मशान भूमि से बाकरगंज क्रॉसिंग तक ट्रैक मजबूत करने के लिए दिन भर मशीन चलाई गई। ट्रैक के अंदर फंसी मिट्टी को मशीन के माध्यम से बाहर निकाला गया। हालांकि यह कार्य चार नवंबर की शाम तक चलेगा। बार-बार क्रॉसिंग बंद होने के कारण लोगों को काफी दिक्कत उठानी पड़ी हालांकि रेलवे ने इस तरह की व्यवस्था की थी जिससे छोटे वाहन निकलते रहे। एक किलोमीटर के अंदर तीन रेलवे क्रॉसिंग है। ऐसे लोगों को अधिक दिक्कत नहीं हुई। रेलवे के इंजीनियरों का कहना है कि बीसीएम (ब्लॉस्ट क्लीनिंग मशीन) काफी महंगी मशीन होती है। इसकी कीमत करीब 20 करोड़ के आसपास है। इस मशीन की खासियत है कि पत्थरों में फंसी मिट्टी को साफ करना होता है। बरसात के मौसम में मिट्टी पत्थरों पर जम जाती है। पत्थर मिट्टी में फंसकर ट्रैक प्लेटफार्म को और हार्ड बना देती है। जिससे पटरी हिलती नहीं है। लेकिन पटरी का न हिलना रेलवे को नुकसानदायक साबित हो सकता है। जब ट्रेन गुजरती है तो पटरी अप- डाउन होती है। इस अवस्था में पटरी टूटने की संभावना कम रहती है, इसलिए समय समय पर रेलवे बीसीएम मशीन से ट्रैक को क्लीन करता है। सेक्शन के जंक्शन यार्ड से सीबीगंज तक काम पूरा करना है। शुक्रवार को अप लाइन पर बीसीएम मशीन चलाई गई थी। शनिवार और रविवार को भी ट्रैक पर काम हुआ। सोमवार को सिटी शमशान भूमि से लेकर बाकरगंज क्रासिंग तक मशीन चली। चार नवंबर तक काम होगा।।
बरेली से कपिल यादव