पौड़ी: रामनगर-शंकरपुर-धूमाकोट थैलीसैंड बुआखाल-पावो-पौडी़ राष्ट्रीय राजमार्ग जो पहले एन एच 121 के नाम से जाना जाता था। अब नेशनल हाइवे अथोरिटी आफ इंडिया (NHAI) ने इस राज मार्ग को एन एच 309 कर दिया है । पौड़ी जिले का यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण मार्ग है ।
यह राज मार्ग रामनगर (नैनीताल) जिम कार्बेट नेशनल पार्क वन क्षेत्र से होते हुए आगे मरचूला में कुमाऊं मंडल और गढ़वाल मंडल को जोड़ता है । इस राजमार्ग का कुछ क्षेत्र ( शंकरपुर से धूमाकोट ) नैनीडांडा ब्लाक में आता है और उससे आगे यह मार्ग रिखणीखाल, बीरोंखाल और थैलीसैंण ब्लाक के क्षेत्रों को कवर करता है ।
आज इस मार्ग की स्थिति अत्यंत दयानीय है। यह मार्ग खासकर शंकरपुर से बीरोंखाल तक जगह जगह पर टूटा हुआ है और भारी वर्षा के कारण कहीं-कहीं पर तो सड़क पर बहुत से गड्ढे बने हुए हैं। शासन प्रशासन पिछले दस-पंद्रह वर्षों से इस मार्ग की डामरिंग/कारपेटिंग/ करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। यह रोड केन्द्रीय सरकार के परिवहन मंत्रालय एनएचएआई विभाग के अन्तर्गत आता है जिसकी जिम्मेदारी इस रोड की मरम्मत रखरखाव अर्थात मेनटेनेंस की है । परन्तु एन एच ए आई राज्य सरकार के स्टेट हाइवे अथोरिटी के साथ समन्वय स्थापित करके राज मार्गों की मेनटेनेंस करता है । इसके लिए राज्य सरकार को अलग से फण्ड अलाट होता है। अब यह पता नहीं चल रहा है कि राज्य सरकार इस फण्ड को कहां इस्तेमाल कर रही है । अभी नैनीडांडा ब्लाक के शंकरपुर -धूमाकोट मार्ग पर यह देखने में आ रहा है कि सड़क पर जगह जगह पर पेस्टिंग की जा रही है । मतलब जहां पर रोड टूटी हुई है या उबड़-खाबड़ हैं वहां पर उसकी मरम्मत की जा रही है। इससे ऐसा लग रहा है कि जेसे पूरी सड़क पर चेपियां लगाईं हुईं हैं। आज इस राजमार्ग की इतनी दुर्दशा है कि लोग इस मार्ग को टल्ले वाली रोड कहने लगे हैं।
रोड की स्थिति से पता चलता है कि यह रोड पूरी तरह से खराब है अर्थात रफ हो गई है। सारी सड़क पर कंक्रीट साफ दिखाई दे रहें हैं जोकि बारिश के पानी और मोटर गाड़ियों के परिचालन से उखड़ती जा रही है । इससे सड़क पर कंक्रीट और बजरी/मिट्टी फैल जाती है जिससे गाडी़ मोटरों का स्किड होने का खतरा बना रहता है और दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है । कहने का मतलब है कि ऐसी रफ सड़क पर इस तरह की पेस्टिंग करना अपर्याप्त है । इस सड़क की पूरी तरह से डामरिंग/कारपेटिंग की जानी चाहिए ।
यहां पर गौरतलब है कि केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान और केन्द्रीय सड़क कांग्रेस की गाइडलाइंस/पालिसी के अनुसार कोई भी राज मार्ग या मुख्य मार्ग को एक निश्चित अवधि में डामरीकरण/कारपेटिंग की जानी चाहिए । इस सड़क की डामरिंग/ कारपेटिंग को लगभग दस वर्ष से अधिक का समय हो गया हैं परन्तु अभी तक इसकी डामरिंग/कारपेटिंग की कार्रवाई नहीं हो रही है वल्कि सिर्फ रोड पर पेस्टिंग (टल्लाई) पर काम चल रहा है ।
एनएचएआई/एसएचएआई और लोक निर्माण विभाग के अभियंताओं तथा अन्य आफीसरों द्वारा समय समय पर राज मार्गों/मुख्य मार्गों का निरीक्षण किया जाता है जिस पर सड़कों की स्थिति मतलब स्टेटस रिपोर्ट संबंधित शासन प्रशासन को दी जाती है। अतः इस मामले पर सरकार को निम्न सवालों पर जनता को जवाब देना चाहिए।
(क) इस रोड का डामरिंग कारपेटिंग कब हुआ ?
(ख) क्या इन एजेंसियों के मुख्य अभियंता/मण्डल अभियंता/सहायक अभियंता द्वारा इस रोड का निरिक्षण किया गया ?
(ग) क्या इस रोड की वस्तुस्थिति को ध्यान में रखकर इसकी पूरी तरह से डामरिंग कारपेटिंग की शिफारिश की गई ?
(घ) क्या इसके लिए एनएचएआई द्वारा फण्ड अलाट हुआ है?
यदि हुआ है तो अभी तक इस रोड पर डामरिंग/कारपेटिंग की कार्रवाई क्यों नहीं हुई है।
वैसे तो पहाड़ों में सभी सड़कों की स्थिति बहुत ही खराब है जिसका मुख्य कारण समय पर सड़कों की मरम्मत का ना होना। कुछ इसी तरह से यह मार्ग भी प्रशासन की लापरवाही का शिकार हो रहा है। भारत सरकार, सड़क परिवहन मंत्रालय उत्तराखंड में एक बहुत बड़े चार धाम सड़क निर्माण प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है परन्तु उसे उत्तराखण्ड के अन्य राज मार्गों पर भी ध्यान देना चाहिए। ये राज मार्ग पहाड़ों के दूरदराज गांवों, संपर्क मार्गों व शहरों, ब्लाक मुख्यालयों तथा अस्पताल से जुड़े होते हैं जिस पर लोगों का रोज का एक जगह से दूसरी जगह आना जाना होता है । यदि सड़क खराब और उबड़-खाबड़ होगी तो यात्रियों को भारी परेशानी होती है क्योंकि लोगों को अपने गंतव्य स्थान तक पहुंचने में कम से कम तीन-चार घंटे लग जाते हैं और इस स्थिति में खासकर बुजुर्ग लोगों और महिलाओं व बीमार तथा गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी होती है।
स्थानीय समाजसेवी प्रभुपाल सिंह रावत व बिशनसिंह गुसाईं ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जी से आग्रह किया है कि वे जल्द इस मार्ग का डामरीकरण करवाने का कष्ट कीजियेगा।
– पौड़ी से इन्द्रजीत सिंह असवाल