राज्य सूचना आयोग हुआ सख्त:5 अधिकारियों पर लगाया 5-5 हजार का जुर्माना – नारायण बारेठ

राजस्थान/बाड़मेर – राज्य सूचना आयोग ने नागरिकों को सूचनाओं का अधिकार कानून के तहत सूचनाएं मुहैया कराने में कोताही बरतने पर भारी नाराजगी जाहिर की है और अलग अलग मामलों में पांच अधिकारियों पर पांच पांच हजार रूपये जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। इनमें एक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ,एक नगर पालिका का अधिशासी अधिकारी और तीन तहसीलदार है। आयोग ने जुर्माने की राशि इन अधिकारियों के वेतन से काटने के आदेश दिया है। साथ ही आदेश की प्रति उनके विभाग को भी भेजने का निर्देश दिया है। कुछ अन्य मामलों में आयोग ने लापरवाह अधिकारियों को चेतावनी के साथ छोड़ा है।
आयोग ने भीलवाड़ा जिले में सहाड़ा के बाबूलाल सेन के मामले में सुनवाई करते हुए ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के लापरवाह रवैये पर नाराजगी व्यक्त की और उन पर पांच हजार रूपये की शास्ति अधिरोपित की है। सेन ने स्थानीय विभाग से एक निजी स्कूल में सर्व शिक्षा अधिकार के तहत प्रवेश का विवरण माँगा था। लेकिन शिक्षा अधिकारी पिछले दो साल तक मामले को लटकाए बैठे रहे। अब सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक पन्द्रह दिन में सेन को सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।आयोग ने अपने आदेश की प्रति भीलवाड़ा के जिला शिक्षा अधिकारी को भेजने का निर्देश दिया है।
राज्य सूचना आयोग ने एक अन्य मामले में उनियारा नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पर स्थानीय नागरिक मुजम्मिल अहमद को सूचना देने में कोताही बरतने पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाया है। अहमद लम्बे समय से नगर पालिका से अपने सूचना के अधिकार आवेदन पर कार्यवाही का इंतजार कर रहे थे। लेकिन जब पालिका ने नहीं सुनी तो आयोग का रुख किया। अहमद ने पालिका से पेयजल कनेक्शन संबधी जानकारी मांगी थी। आयोग ने इसे गंभीरता से लिया और पालिका को पंद्रह दिन में समुचित कार्यवाही करने का निर्देश दिया। आयोग ने अपने आदेश की प्रति स्वायत शासन विभाग के निदेशक को भी भेजने का निर्देश दिया है।

आयोग ने ऋषभदेव के तहसीलदार पर पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। आयोग ने यह आदेश ऋषभदेव के जी आर मीणा के आवेदन पर सुनवाई करते वक्त दिया। मीणा ने वर्ष 2019 में तहसील से संविधान की पांचवी अनुसूची के तहत आदिवासी समुदाय के जमीन संबंधी एक मामले में सूचना मुहैया कराने का आग्रह किया था। लेकिन तहसीलदार ने उसकी उपेक्षा की। आयोग ने जब तहसीलदार से जवाब तलब किया तो तहसीलदार ने उसकी भी उपेक्षा की। इस पर सूचना आयुक्त बारेठ ने अप्रसन्नता व्यक्त की और पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया। आयोग ने तहसीलदार को पंद्रह दिन में मीणा को सूचना मुहैया कराने का निर्देश दिया है।

राज्य सूचना आयोग ने दो अलग अलग मामलों में उदयपुर के वल्लभनगर और बूंदी में केशवरायपाटन के तहसीलदारों पर पांच पांच हजार रूपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया है। आयोग ने सुनवाई के दौरान कहा कि इन अधिकारियों ने सूचना अधिकार कानून की अवहेलना की और आम अवाम के सूचना हासिल करने के अधिकार की अनदेखी है। लिहाजा आयोग ने आदेश की प्रति उनके वरिष्ठ अधिकारियों को भेजने का निर्देश दिया है।

– राजस्थान से राजूचारण

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