राजर्षि मे नहीं मिलेगी पीजी-यूजी की डिग्री, नई शिक्षा नीति मे बदलेगा शिक्षा का स्वरूप

बरेली। ऐसा पहली बार हो रहा है कि राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय मे इस साल स्नातक और परास्नातक की डिग्रियां नहीं मिलेंगी। क्योंकि इस साल कोरोना के कारण सत्र पहले ही लेट हो चुका है। वहीं दूसरी ओर जुलाई मे नई शिक्षा नीति आने का भी डर सता रहा है। इसीलिए छात्रों के भविष्य को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन में शॉर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर रखी है। जिससे कि छात्र छात्राओं का साल बर्बाद न हो और बेहद कम फीस में प्रोफेशनल डिप्लोमा कर रोजगार की शुरुआत कर सकें। विश्वविद्यालय में दर्जन भर ऐसे कई शॉर्ट टर्म डिप्लोमा कोर्स हैं जो कि बेहद कम फीस पर कराए जा रहे हैं, जबकि इन्हीं प्रोफेशनल कोर्स की फीस दूसरे कॉलेजों और प्राइवेट यूनिवर्सिटी में कई लाखों जा रहे हैं। विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य भी अब अपने अंतिम चरण में है। राम गंगा नगर स्थित विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य तेजी से हो रहा है। क्षेत्रीय समन्वयक डॉक्टर आरबी सिंह का कहना है कि इसी साल अप्रैल के पहले सप्ताह से विश्वविद्यालय कैंपस में क्लासेज आरंभ हो जाएंगी। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन यानी कि यूजीसी की नई शिक्षा नीति जुलाई में आने की संभावना है। जानकारों का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत स्नातक की डिग्री चार साल की हो जाएगी। यही कारण है कि इस साल कई यूनिवर्सिटी यूजी और पीजी में एडमिशन कम ले रहे हैं क्योंकि जिन छात्रों के एडमिशन इस समय हो जाएंगे तो छह महीने बाद नई शिक्षा नीति के लागू होने से छात्र-छात्राओं के साथ-साथ कॉलेज वालों को खासा परेशानी होगी। यही कारण है कि स्टूडेंट भी इस समय एडमिशन लेने से बच रहे है। रामगंगा नगर स्थित राजश्री मुक्त विश्वविद्यालय का निर्माण हो रहा है। क्षेत्रीय समन्वयक डॉ आरबी सिंह ने बताया कि अभी तक विश्वविद्यालय किराए के भवन में संचालित होता था लेकिन अब खुद की बिल्डिंग होने से क्षेत्र में छात्र छात्राओं को इसका लाभ मिलेगा। इसीलिए बिल्डिंग का निर्माण कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। अप्रैल के पहले सप्ताह से विश्व विद्यालय के भवन में कक्षाएं आरंभ हो जाएंगी। इस भवन में एक बड़ा परीक्षा हॉल भी है। जिसमें एक साथ करीब पांच सौ से अधिक परीक्षार्थी बैठकर परीक्षा दे सकेंगे। इसके अलावा अधिकांश क्लास रूम का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस सत्र स्नातक और परास्नातक की डिग्री नहीं दी जाएगी। लेकिन क्षेत्रीय समन्वयक डॉ. आरबी सिंह ने बताया कि छात्र-छात्राओं के भविष्य को देखते हुए अनेको शॉर्ट टर्म कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। जिसको करने से रोजगार के नए रास्ते खुल रहे हैं। अप्रैल से विश्व विद्यालय के भवन में कक्षाएं आरंभ होने लगेंगी, हमारी तैयारी पूरी है।।

बरेली से कपिल यादव

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