•हर घर के लोग मरीजो को लेकर विभिन्न अस्पतालों में भर्ती
•रिश्तेदार भी गांव में आने को कतरा रहे
वाराणसी- चौबेपुर थाना क्षेत्र के
धौरहरा गांव में रहस्यमयी बुखार का कहर बढ़ता ही जा रहा है।हर घर मे बुखार के रोगी है।डेंगू से बचने को लोग पपीता, बकरी का दूध के लिए भटक रहे है।गांव में पपीता का पेड़ ठुठा हो गया है।बकरी का दूध नही मिल रहा है।चार माह से रहस्यमयी बुखार का कहर झेल रहे ग्रामीण अब पलायन कर रिश्तेदारो के यहा शरण ले रहे है।स्वास्थ्य विभाग अब दवा छिड़कते छिड़कते फेल हो गया है।डेंगू से पीड़ित मरीज दीनदयाल अस्पताल, सरसुन्दर लाल अस्पताल सहित वाराणसी शहर,व गांव के अस्पतालों में इलाज करा रहे है।दवा करते करते लोगो की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।इससे लोगो मे स्वास्थ्य विभाग के बिरुद्ध आक्रोशित है।अगर समय रहते शासन प्रशासन कारगर कदम न उठाया तो बुखार कहर भयावह हो सकती है।
बतादे धौरहरा गांव में गन्दे मलजल के जमा होने पानी का बहाव रुकने पानी के सड़ने से गांव में चार माह पूर्व मलेरिया बुखार का असर गांव में हुआ हर रोज बुखार के मरीज मिलने शुरू हुए।फिर धीरे धीरे डेंगू के लक्षण मिलने शुरू हुए।पर स्वास्थ्य विभाग के दवा छिड़कवाने के बावजूद भी रहस्यमयी बुखार गांव में पाव पसार लिया।धौरहरा गांव के नारेपार, भोगला, बाजार,निषाद बस्ती आदि कस्बो में अब तक चार सौ से भी अधिक लोग बुखार से पीड़ित हो चुके है।इस समय बुधवार को लगभग एक सौ लोग विभिन्न अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे है।स्थानीय सांसद व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पाण्डेय के विद्युत प्रतिनिधि का पूरा परिवार डेंगू का इलाज करा कर बुधवार को आया।समाज सेवी व स्थानीय पत्रकार अजय चौबे भी अपने सभी बच्चों का डेंगू का इलाज करा चुके है।एक काजल नामक 6 वर्षीय व शिखा 9 वर्षीय बालिका को दस दिनों से चौबेपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज करा रहे है।हर घर के लोग अस्पतालों में इलाज करा रहे है।रहस्यमयी बुखार से पीड़ितों से मिलने से अब रिस्तेदार भी धौरहरा गांव में आने से कतरा रहे है।लोग पपीता का पत्ता व बकरी का दूध डेंगू पीड़ितों को दे रहे है ।जिससे प्लेटलेस जल्दी बढ़े।अब धौरहरा गांव में पपीतों में पत्ता ही नही बचा ।बकरी किसी का रात में ही दूध दुह ले रहे है लोग।वही अब बुखार का इलाज कराते कराते लोग उब चुके है।पहले तो डर के मारे गांव में आने से लोग डर रहे है।वही पीड़ित अब अपने ननिहाल,ससुराल में शरण लेना प्रारम्भ कर दिये है।धीरे धीरे लोग रहस्यमयी बुखार से ऊबकर गांव छोड़ने को मजबूर हो रहे है।डेंगू पीड़ित बीएचयू पं0 दीनदयाल हॉस्पिटल, कबीरचौरा हॉस्पिटल सहित विभिन्न प्राइवेट अस्पतालों में भर्ती है।
रिपोर्टर-:महेश पाण्डेय मण्डल कॉर्डिनेटर वाराणसी