मोदी सरकार के 100 दिन: बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, कर्मचारियों की छटनी को लेकर मौजूदा समय में निराशा

ताबड़तोड़ और बड़े फैसले लेने के रूप में उभरे पीएम मोदी, जनता ने केंद्र सरकार के कई फैसलों का खुलकर समर्थन किया, विश्व में भारत ताकतवर देश के रूप में उभरा है | बेरोजगारी, आर्थिक मंदी, कर्मचारियों की छटनी को लेकर मौजूदा समय में निराशा |

—शंभूनाथ गौतम की विशेष रिपोर्ट

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे हो चुके हैं | इस बार केंद्र सरकार ने कई बड़े और कठोर फैसले लिए हैं | आइए जान लेते हैं अभी तक मोदी सरकार की उपलब्धियां और क्या खामियां रहीं |
2019 में हुए लोकसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल कर केंद्र की सत्ता पर मोदी सरकार 30 मई को दोबारा काबिज हुई | अकेले बीजेपी ने इन लोकसभा चुनावों में 300 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की और 2014 के चुनाव से भी ज्यादा बड़ी जीत हासिल की | मोदी सरकार के 100 दिन भी पूरे हो चुके हैं और नई सरकार ने बीते कुछ दिनों में कई बड़े फैसले लिए | मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में ताबड़तोड़ फैसले लिए और सबसे बड़े फैसले के रूप में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म कर दिया | इसके अलावा तीन तलाक पर बिल पास कराकर और यूएपीए बिल को पास कराकर भी सरकार ने अपनी पीठ थपथपाई | विदेशों में भी भारत ताकतवर देश के रूप में उभरा | पीएम नरेंद्र मोदी की शानदार कूटनीति की वजह से ही हमारा पड़ोसी पाकिस्तान अलग-थलग पड़ चुका है |

आर्थिक मंदी और जीडीपी के गिरने से उठे सवाल—–

पिछले कुछ दिनों से भारत में आर्थिक मंदी , बेरोजगारी, कर्मचारियों की छटनी और भारत की जीडीपी 5% होना केंद्र सरकार के लिए जरूर चिंता बढ़ा रही है | वहीं मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर पिछले साल के 12 प्रतिशत मुकाबले मात्र 0.6 फीसदी रह गई है | इसके अलावा ऑटो, कोयला, उर्वरक, सीमेंट, मैन्युफैक्चरिंग, होटल, ट्रेड, दूरसंचार, कृषि, उपभोक्ता उत्पाद, रियल इस्टेट, कंस्ट्रक्शन यानी निर्माण, इन सभी क्षेत्रों में गिरावट दर्ज की जा रही है, जो देश के आर्थिक विकास के लिए बड़ी परेशानी का सबब बनता दिख रहा है | देश की आर्थिक हालात को लेकर जनता केंद्र पर सवाल भी उठा रही है | देश की जीडीपी गिरने को लेकर सरकार अपने तर्क दे रही है, इसके बावजूद लोगों में एक भय का माहौल भी बना हुआ है | केंद्र सरकार को आर्थिक नीति की नए सिरे से समीक्षा करनी होगी कहीं ऐसा न हो देर हो जाए |

– साभार

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