- जाँच के बाद अहमदाबाद के सत्य साई हॉस्पिटल में की जाती है बच्चों के हृदय रोग की शल्य चिकित्सा
- बच्चों में होने वाले कुल 43 रोगों के निःशुल्क इलाज का है प्रावधान: डॉ मनीष कुमार
मोतिहारी/बिहार- जिले में मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना, हृदय रोग से पीड़ित गरीब बच्चों व उनके अभिभावकों के लिए वरदान साबित हो रही है। जिले से 32 बच्चे सोमवार को स्क्रीनिंग के लिए पटना स्थित आईजीआईसी पटना रवाना किए गए हैं। वहीँ मंगलवार को भी 1 दर्जन बच्चे रवाना किए गए हैं। इस संबंध में जिले के सिविल सर्जन डॉ अंजनी कुमार ने बताया कि आबीएसके चिकित्सकों के द्वारा जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों, विद्यालयों व अन्य स्थानों पर कैम्प लगाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जाँच की जाती है। जाँच के दौरान कुछ बच्चों में हृदय रोग से संबंधित लक्षण दिखाई देने पर उन्हें जिले के सदर अस्पताल में स्क्रीनिंग की जाती है। उसके बाद हृदय रोग के गम्भीर लक्षणों वाले बच्चों को उनके माता पिता के साथ जरूरी कागजातों के साथ निःशुल्क रूप से एम्बुलेंस से पटना स्थित आईजीआईसी भेजा जाता है।
बच्चों में होने वाले कुल 43 रोगों के निःशुल्क इलाज का है प्रावधान: डॉ मनीष कुमार
राष्ट्रीय बाल स्वास्थय कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी,सह समन्वयक डॉ मनीष कुमार ने बताया कि – बिहार सरकार बाल हृदय योजना संचालित कर रही है। इस योजना के तहत 18 वर्ष तक के बच्चों का निःशुल्क इलाज कराया जा रहा है। बच्चों में होने वाले कुल 43 रोगों के निःशुल्क इलाज का प्रावधान है। इनमें चर्म रोग, दांत व आंख संबंधी रोग, एनीमिया, हृदय संबंधी रोग, श्वसन संबंधी रोग, जन्मजात विकलांगता, बच्चे के कटे होंठ व तालू संबंधी रोग शामिल हैं। बीमार बच्चों को चिह्नित करने के लिए आरबीएसके टीम द्वारा जरूरी स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। शून्य से छह साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिए आंगनबाड़ी व स्वास्थ्य केंद्रों में छह से 18 साल तक के बच्चों में रोग का पता लगाने के लिए विद्यालय स्तर पर स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नियमित अंतराल पर किया जाता है। उन्होंने बताया कि आरबीएसके के तहत अब 43 तरह की बीमारियों का इलाज बिल्कुल ही नि:शुल्क उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि इन सभी बच्चों के साथ इनके अभिभावक को भी सरकारी खर्चे पर विमान से सत्य साई हॉस्पिटल अहमदाबाद के लिए रवाना किया जाएगा।
मौके पर आरबीएसके जिला समन्वयक डॉ मनीष कुमार, डीईआई सी मैनेजर कम कोर्डिनेटर डॉ शशि, डीईआईसी कर्मी नौशाद अहमद और प्रमोद कुमार सहित बच्चों उनके अभिभावक और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
– बिहार से नसीम रब्बानी