*नौसेना शौर्य संग्रहालय भारत के शौर्य और पराक्रम तथा प्रधानमंत्री जी के आत्मनिर्भर भारत को गति प्रदान करने का माध्यम बनेगा: मुख्यमंत्री
*इस वर्ष नौसेना को अपना स्वदेशी चिन्ह भी प्राप्त हुआ,
यह अपनी विरासत तथा परम्परा पर गर्व करने का क्षण
*मुख्यमंत्री ने सभी को शारदीय नवरात्रि तथा विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं
लखनऊ: आज लखनऊ और प्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण है। यहां आदिगंगा गोमती नदी के तट पर नौसेना शौर्य संग्रहालय की स्थापना की नींव रखी गयी है। 34 वर्षाें तक भारतीय नौसेना की क्षमता में अभिवृद्धि कर उसकी सामरिक स्थिति को सुदृढ़ करने वाले आई0एन0एस0 गोमती को अधिसूचित किये जाने पर यह नौसेना शौर्य संग्रहालय का हिस्सा बनने जा रहा है। हमारे लिए यह गौरव का क्षण है। यह संग्रहालय भारत के शौर्य और पराक्रम का माध्यम बनेगा। इससे हमारी युवा पीढ़ी को भारतीय नौसेना के बारे में जानने का अवसर प्राप्त होगा। यह बात सी0जी0 सिटी में नौसेना शौर्य संग्रहालय निर्माण कार्य परियोजना का भूमि पूजन तथा शिलान्यास करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित समारोह में अपने विचार व्यक्त करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही ।समारोह में इण्डियन नेवल बैण्ड की प्रस्तुति तथा वन्दे मातरम का गायन किया गया। मुख्यमंत्री जी ने सभी को शारदीय नवरात्रि तथा विजयादशमी की शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम नौसेना शौर्य संग्रहालय पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने परियोजना स्थल पर वृक्षारोपण किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नौसेना शौर्य संग्रहालय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत को गति प्रदान करने का माध्यम बनेगा। यह भारतीय नौसेना की बढ़ती ताकत का प्रतीक भी बनेगा। अपनी विरासत और अतीत को विस्मृत कर कोई भी समाज और राष्ट्र विकास की बुलन्दियांे को नहीं छू सकता है। अतीत सदैव व्यक्ति और समाज के साथ चलता है। अतीत के गौरवशाली क्षण हमें नई प्रेरणा प्रदान करते हैं और हमारा पथ प्रदर्शन करते हैं। यह हमें आगे बढ़ने का अवसर भी देते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज पुलिस स्मृति दिवस भी है। देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए आज से 64 वर्ष पूर्व लद्दाख में तैनात सी0आर0पी0एफ0 के जवान दुश्मन देश के हमलें में देश के लिए बलिदान हो गये थे। उनकी स्मृति में पूरा देश 21 अक्टूबर की तिथि को पुलिस स्मृति दिवस के रूप में मनाता है और देश की सेना, अर्द्धसेना तथा पुलिस बल से जुड़े सभी जवानों, जिन्होंने भारत के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, उनका स्मरण करते हुए अपनी श्रद्धांजलि देता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह वर्ष अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इस वर्ष नौसेना को अपना स्वदेशी चिन्ह भी प्राप्त हुआ है। छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित किये गये चिन्ह को भारतीय नौसेना ने अपना चिन्ह बनाया है। यह अपनी विरासत तथा परम्परा पर गर्व करने का क्षण है। इन्हीं स्मृतियों को बनाये रखने तथा उत्तर प्रदेश की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने के लिए नौसेना शौर्य संग्रहालय सी0जी0 सिटी में साढ़े सात एकड़ भूखण्ड में स्थापित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नौसेना शौर्य संग्रहालय परियोजना स्थल के बगल में ही 64 एकड़ का वेटलैण्ड है। इस वेटलैण्ड के विकास के लिए पर्यटन, सिंचाई तथा वन विभाग मिलकर कार्यक्रम आगे बढ़ाएंगे। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के वह जवान जिन्होंने देश की आजादी के बाद विभिन्न युद्धों में सीमाओं की सुरक्षा करते हुए, देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए और विभिन्न राज्यों में कानून व्यवस्था की बेहतर स्थिति की स्थापना के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, उनकी स्मृतियों को बनाए रखने के लिए प्रदेश में एक स्मारक की स्थापना का कार्य भी सरकार आगे बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आई0एन0एस0 गोमती के गौरव और गरिमा के अनुरुप पूरी प्रतिबद्धता से शौर्य संग्रहालय बनाने में मदद करेगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश एक लैण्ड लाॅक्ड राज्य है। यह माना जाता था कि जल मार्ग से उत्तर प्रदेश से कोई भी वस्तु बाहर नहीं भेजी जा सकती, जबकि आज से 40-50 वर्ष पूर्व नौकाओं से ही जल परिवहन होता था। उस समय सड़कों का अच्छा संजाल तथा ट्रेनों का प्रभावी आवागमन नहीं था। एक स्थान से दूसरे स्थान तक परिवहन के लिए तथा किसी भी वस्तु को ले जाने के लिए जल मार्ग ही माध्यम बनता था।
उत्तर प्रदेश इस दृष्टि से समृद्ध राज्य है कि यहां पर्याप्त जल संसाधन मौजूद हैं। प्रदेश की नदियों की सम्भावनाओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश में स्टेट वाॅटर-वे अथाॅरिटी के गठन की कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा रहा है, जिससे यहां जल परिवहन की सम्भावनाओं का बेहतर उपयोग किया जा सके। देश का पहला इनलैण्ड वाॅटर-वे वाराणसी से हल्दिया के बीच शुरू हो गया है। यह वर्तमान में पूर्णतः क्रियाशील है। प्रधानमंत्री जी ने इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश को लैण्ड लाॅक्ड स्टेट की छवि से मुक्त किया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दक्षिण कोरिया अपनी टेक्नोलाॅजी के लिए जाना जाता है। वहां के राजघराने की मान्यता है कि उनकी दादी मां अयोध्या की राजकुमारी थीं। अयोध्या में उन्हें राजकुमारी रत्ना तथा दक्षिण कोरिया में क्वीन हो के रूप में जाना जाता है। उनकी स्मृतियों के लिए अयोध्या में एक स्मारक बनाया गया है। आज से 2000 वर्ष पूर्व राजकुमारी रत्ना अयोध्या से जल मार्ग के माध्यम से ही दक्षिण कोरिया पहुंची थी। यह दर्शाता है कि 2000 वर्ष पूर्व भी उत्तर प्रदेश का सम्बन्ध जल मार्ग से था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि समुद्र में कार्य करने का भारत का अनुभव बहुत पुराना है। भगवान श्रीकृष्ण की द्वारिका समुद्र के अन्दर ही बनी थी। भगवान श्रीकृष्ण ने आज से 05 हजार वर्ष पूर्व जल परिवहन तथा नौकाओं के बेड़े के माध्यम से द्वारिका को सबसे समृद्ध नगरी के रूप में स्थापित किया था। भगवान श्रीराम ने लंका जाने के लिए सेतुबन्ध का निर्माण कर दिया था।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में पर्यटन एवं संस्कृति विभाग नई ऊंचाइयों को छूते हुए भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री जी ने उत्तर प्रदेश की छवि को नये कलेवर में प्रस्तुत करने का कार्य किया है।