मीठें पाणी रा दर्शन ही मटके ने अब तो करादे म्हारे सरकार : रविन्द्र सिंह भाटी

राजस्थान- राजस्थान विधानसभा में चर्चा के दौरान शिव के निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने राज्य में पेयजल की स्थिति पर पश्चिमी राजस्थान की पीड़ा को उजागर किया। भाटी ने अपने उद्बोधन की शुरुआत करते हुए कहा, “पानी पर चर्चा चल रही है और इसका सही मूल्य सिर्फ सीमांत के लोग ही समझ सकते हैं। आजादी के बाद से अब तक, सीमांत के लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।” उन्होंने मंगल ग्रह पर पानी की खोज और धरती पर जल संकट की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा, “हमें अपनी धरती की स्थिति जानने की ज़रूरत है।” भाटी ने केंद्र और राज्य सरकार को ERCP योजना लाने के लिए धन्यवाद दिया और पश्चिमी राजस्थान के लिए भी ऐसी ही एक योजना की आवश्यकता पर जोर दिया। भाटी ने नर्मदा और इंदिरा गांधी नहर के विस्तार का कार्य रुके होने पर चिंता जताई और कहा कि इसे शीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सीमांत के लोग चाहते हैं कि इन नहरों को जोड़ा जाए ताकि उनकी जमीनों को फायदा मिल सके और बुआई हो सके। नर्मदा नहर के 2013 में लाए जाने के बावजूद 2017 तक पूरा न होने पर भाटी ने दुख व्यक्त किया।

उन्होंने बताया कि आज तक यह योजना टेस्टिंग में ही चल रही है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना के विस्तार की भी स्थिति चिंताजनक है। भाटी ने बाड़मेर लिफ्ट कैनाल के माध्यम से शिव ब्लॉक और अन्य हिस्सों में पानी पहुंचाने की समस्या पर भी ध्यान दिलाया। बिजली आपूर्ति की कमी के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उन्होंने सरकार से उम्मीद जताई कि इन मुद्दों पर गंभीरता से ध्यान दिया जाएगा। सरकार की ट्यूबवैल और हैंडपंप की घोषणा के लिए धन्यवाद देते हुए, भाटी ने कहा कि पश्चिमी क्षेत्र की भौगौलिक स्थितियां अलग हैं। 900-1000 फीट से पहले पानी नहीं आता, इसलिए 600 फीट तक खोद कर छोड़ देने से कोई फायदा नहीं है। सरकार को सही तरीके से ट्यूबवैल बनाने की आवश्यकता है ताकि लोग पानी के लिए भटकना न पड़े। भाटी ने पश्चिमी राजस्थान के पुराने जल संसाधनों जैसे बेरियां, बावड़ियां आदि के रखरखाव पर जोर दिया और एक विशेष पैकेज की मांग की जिससे इनका संरक्षण हो सके। ज़ाइका प्रोजेक्ट और विभाग में स्टाफ की कमी पर भी भाटी ने चिंता व्यक्त की। अंत में, भाटी ने शिव के गाँव बीज़ाबल की स्थिति का वर्णन किया, जहाँ पिछले तीस दिनों से पानी नहीं मिला है, और 80-90 साल के बुजुर्ग धरना दे रहे हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि ऐसी समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाए।

– राजस्थान से राजूचारण

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