अम्बेडकरनगर ब्यूरो – गाँवों और ग्रामीणों की दशा सुधारने के लिए सरकार हर ग्राम पंचायत में ऐसे भवनों का निर्माण करवाती है, जहां ग्रामीण और ग्राम प्रधान गाँवों की समस्या और विकास के मुद्दों पर सभा का आयोजन करते हैं और उसके निवारण की रूपरेखा बनवाई जाती है। मगर उत्तर प्रदेश के कई ऐसे जिले हैं, जहां गाँवों में ग्राम पंचायत तो बनी हैं, लेकिन उनका उपयोग नहीं हो रहा है। ऐसे में उनकी देखरेख नहीं हो पा रही है और भवन जर्जर हो गए हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के टांडा विकास खण्ड अंतर्गत खुखुतारा गाँव में बना पंचायत सचिवालय का भी है।
ग्रामीण बताते हैं, कई वर्ष पहले सचिवालय बनने के बाद गाँव मे होने वाली बैठकें इस भवन में कभी भी आयोजित ही नही की गई, रखरखाव के अभाव में भवन जर्जर हो गया है। अब तो कोई इसकी ओर देखने वाला नहीं है। दीवार कई जगह टूट चुकी है। गेट का पता ही नही है तोड़कर कोई उठा ले गये हैं। अन्दर की खिड़किया व दरवाजे भी गायब हो चुके हैं। इस समय वहां की दशा बत से भी बत्तर है।
ग्रामीणों में इस योजना से बेहद खुशी थी। उम्मीद थी कि अब किसी सरकारी काम के लिए कर्मचारियों के तलाश में ग्रामीणों को दूर नहीं जाना पड़ेगा। गाँव में ही सारे काम हो जाएंगे लेकिन सचिवालय बनने के बाद यहां एक दिन भी कोई अधिकारी व कर्मचारी नहीं आया। गौरतलब है कि सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में मिनी सचिवालय का निर्माण करवाया था। शासन की मंशा थी की सचिवालय के जरिए ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ उनके गाँव में ही मिल जाएगा।
ग्रामीण यह भी बताते है कि अधिकारियों के इंतजार में कई सालों बाद यह भवन भी जर्जर हो रहा है। फायदा मिलना तो दूर अब इलाके के जुआरी, शराबी व चोर उचक्के यहां डेरा डाले रहते हैं। रात में अपराधियों की शरण लेने की आशंका से मन में दहशत बना रहता है।
– अखण्ड प्रताप सिंह ब्यूरो अम्बेडकरनगर के साथ विकास वर्मा की रिपोर्ट