बरेली। शारदीय नवरात्र के सातवें दिन माता के सप्तम स्वरूप मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना विधि विधान से शनिवार को देवी मंदिरों से लेकर घरों तक हुई। कालीबाड़ी स्थित माता काली के मंदिर में शनिवार भोर से देर रात तक श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए भीड़ रही। यहां पूरे दिन मेले जैसा माहौल देखने को मनिला। भक्तों ने सप्तमी पर माता कालरात्रि की पूजा कर उनसे शत्रु विनाश के साथ परिवार व सभी की सुख समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। यहां मां के दर्शन के साथ ही नारियल की भेंट चढ़ाने की होड़ रही। वहीं कई जगहों पर शनिवार को देवी छंदों के साथ डांडिया भी खेला गया। शहर के चौरासी घंटा मंदिर, नवदुर्गा मंदिर में नारियल, चुनरी, बताशा, फूल आदि देवी प्रतिमा पर समर्पित किये। ज्योतिषाचार्य मुकेश मिश्र ने बताया कि शक्ति की अधिष्ठात्री मां जगदंबा की पूजा-अर्चना के पर्व शारदीय नवरात्र के सातवें दिन माता के सप्तम स्वरूप कालरात्रि के दर्शन-पूजन का विधान है। काल का विनाश करने की शक्ति के कारण इन्हें कालरात्रि कहा गया। देवी कालरात्रि का स्वरूप विकराल किंतु अत्यंत शुभ है। मान्यता है कि देवी कालरात्रि अकाल मृत्यु से बचाने वाली और भय बाधाओं का विनाश करने वाली है। इसके साथ ही शाम को सभी प्रमुख देवी मंदिरों में महाआरती हुई। जिसमें भक्तों ने मां की आरती कर आशीर्वाद लिया। मंदिरों में आरती के बाद भी भक्त मां के दर्शन और पूजन को पहुंचे।।
बरेली से कपिल यादव