महिला हिंसा में आशा की भूमिका पर हुई चर्चा

महिला हिंसा, सामाजिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या – राज्य प्रशिक्षक

फतेहगजं पश्चिमी (बरेली)। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत महिला हिंसा पर पांच दिवसीय आशा प्रशिक्षण कार्यक्रम के चतुर्थ चक्र के द्वितीय बैच के चतुर्थ दिवस का समापन हो गया। राज्य प्रशिक्षक अमित तोमर समाजसेवी ने चतुर्थ दिवस पर नवजात शिशु का आहार और कुपोषण पर परामर्श के साथ परामर्श के कौशल पर विस्तार से जानकारी दी| चार समूह में कुपोषण के मूल्यांकन को अभ्यास के द्वारा समझाया गया| प्रतिभागियों को रोलप्ले द्वारा परामर्श के कौशल की जानकारी दी गई| राज्य प्रशिक्षक अमित तोमर ने प्रशिक्षण के दौरान कहा कि महिला हिंसा, सिर्फ एक पारिवारिक या निजी मामला नहीं है यह एक सामाजिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य की भी समस्या है यह केवल गरीबी एवं अज्ञानता से जुड़ी हुई समस्या नहीं है। राज्य प्रशिक्षक ने कहा कि महिला हिंसा एक गंभीर समस्या है जो भारत ही नहीं पूरे विश्व में महिलाओं को प्रभावित कर रही है। यह हर उम्र, वर्ग, धर्म, संस्कृति जाति, इलाके व हर शैक्षिक स्तर की महिला इससे प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा कि महिला हिंसा के खिलाफ सामूहिक प्रयास में आशाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में राज्य प्रशिक्षक अमित कुमार सिंह तोमर, जिला प्रशिक्षक देशराज सिंह ने हिंसा के रूप और कारणों पर समूह चर्चा द्वारा बताया। ऐसी महिलाओं जो कि हिंसा का आसानी से शिकार होती है पर चर्चा करते हुए प्रशिक्षण दिया गया। महिलाओं पर होने वाली हिंसा के दुष्परिणाम शारीरिक, मानसिक एवं मनोवैज्ञानिक, प्रजनन स्वास्थ्य एवं बच्चों पर पड़ने वाले दुष्परिणाम पर विस्तार पूर्वक बताया। खेल के माध्यम से विभिन्न बिंदुओं को समझाने का प्रयास किया गया। महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा पर आवाज उठाने में आशा की भूमिका को बताते हुए राज्य प्रशिक्षक अमित तोमर एवं जिला प्रशिक्षक ने हिंसा को रोकना एवं हिंसा के खिलाफ आवाज उठाना पर विस्तार से चर्चा करते हुए एकजुटता लाना और समुदाय को महिला हिंसा पर शिक्षित करना तथा जागरूकता फैलाना पर विस्तार से चर्चा की। हिंसा के व्यक्तिगत मामलों में आशा के कार्य को विस्तार पूर्वक बताते हुए मुद्दे के बारे में सचेत रहने, सवाल पूछने, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच को सुगम बनाने, भावनात्मक सहयोग प्रदान करने, महिला की सुरक्षा के उपाय करने के साथ-साथ महिला को कानूनी उपायों के बारे में जानकारी देने तथा सहायता के लिए अन्य संसाधनों तक पहुंच बनाने पर भी विस्तार पूर्वक बताया । बलात्कार के मामलों में आशा की भूमिका पर विस्तार से जानकारी दी गई। हिंसा को रोकने के लिए कानूनी उपाय, पितृसत्ता, जेंडर और लिंग पर विस्तार पूर्वक बताया गया। उक्त प्रशिक्षण मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डीसीपीएम, आरएम एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सुरेंद्र कुमार की देखरेख में चल रहा है द्वितीय बैच का समापन कल 12 जुलाई को तीस आशा को प्रमाण पत्र वितरण के साथ संपन्न होगा तथा तृतीय बैच का शुभारंभ 13 जुलाई को प्रातः 9:30 बजे होगा|

– बरेली से सौरभ पाठक की रिपोर्ट

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