बरेली/महाकुंभनगर(प्रयागराज)। महाकुंभ में किन्नर अखाड़े ने पहली बार अमृत स्नान किया। जूना अखाड़े के साथ किन्नर अखाड़े के संत शाही रथों और बग्घियों पर सवार होकर अमृत स्नान के लिए पहुंचे। किन्नर अखाड़े ने श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के साथ अमृत स्नान में हिस्सा लिया। किन्नर अखाड़े के संतों के पहुंचते ही संगम तट पर मौजूद लाखों की भीड़ रोमांचित हो गई। अखाड़ा मार्ग के दोनों तरफ भक्त ठसाठस भरे रहे। किन्नर संतों के आने की सूचना पर भक्त जयकारे लगाने लगे। बड़ी संख्या मे भक्त उनका पैर छूने के लिए रथों के पीछे भाग रहे थे। पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स के जवान लोगों को रोक रहे थे और एक किनारे कर रहे थे लेकिन लोग बैरिकेडिंग लांघकर किन्नर संतों का चरण स्पर्श करने के लिए धक्कामुक्की करते देखे गए। राजशाही तरीके से सुसज्जित रथों पर सवार होकर किन्नर संत अमृत स्नान के लिए पहुंचे। स्नान करके लौटेते समय किन्नर संतों ने लोगों को निराश नहीं किया और भक्तों के सिर पर हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया। आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी की अगुवाई में किन्नर अखाड़े के सभी सदस्यों ने दोपहर में संगम नोज पहुंचकर अमृत स्नान किया। महा संक्रांति के पर्व पर किन्नर अखाड़े ने समाज के कल्याण और उन्नति की कामना की। किन्नर अखाड़े के सदस्य शस्त्रों के साथ अपनी परंपराओं का अद्भुत प्रदर्शन करते नजर आए। तलवारों और अन्य शस्त्रों को लहराते हुए उन्होंने अपनी शक्ति और परंपरा का परिचय दिया। जयघोष और हर हर महादेव के नारों के बीच पूरा माहौल उत्साह और आस्था से भर गया। किन्नर अखाड़े की सदस्य राम्या नारायण गिरी ने बताया कि अमृत स्नान के अवसर पर प्रत्येक सदस्य ने भारतवासियों की सुख-समृद्धि और देश के कल्याण की कामना की।।
बरेली से कपिल यादव