बिहार/मझौलिया- गन्ना उपज के लिये तकनीक में बदलाव लाना होगा।यहां के किसान मेहनत तो करते है, लेकिन टेक्नीक का उपयोग नहीं करते। प्रगतिशील किसानों को ड्रीप एरिगेशन विधि से गन्ना की खेती करनी चाहिये।इसपर बिहार सरकार कृषकों को 90%अनुदान देगी।यह कहना है डी एम डॉ. निलेश रामचंद्र देवरे का।वे मझौलिया सुगर इंडस्ट्रीज में आयोजित एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण शिविर में बोल रहे थे।उन्होंने कहा कि चम्पारण की भूमि उपजाऊ है।गन्ना की खेती में तकनीक अपना कर किसान दोहरी आय प्राप्त कर सकते है।उन्होंने कहा कि वे स्वयं किसान परिवार से है, किसानों के दुःख दर्द को जानते है।गन्ना का भुगतान भी होगा।इसके लिये वे प्रवंधन से बात करेंगे।जिला कृषि पदाधिकारी बिजय कुमार ने कहा कि गन्ना की बुआई में कम से कम चार फीट की दुरी होनी चाहिये।इससे अंतरवर्ती खेती में लाभ मिलेगा।डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विद्यालय पूसा से पधारे वैज्ञानिक डॉ. सी के झा, पौधा सरंक्षण वैज्ञानिक डॉ. अनिल कुमार, सस्य वैज्ञानिक डॉ. नवनीत कुमार आदि ने गन्ना की उन्नत प्रजाति और सिंचाई के विषय में बताया।गन्ना महाप्रवंधक डॉ .जे पी त्रिपाठी ने कहा कि गन्ना जब छह पोड़ी का हो जाये तो बीच में बांध देना चाहिये। इससे गन्ना खेतो में नहीं गिरेगा।नहीं तो गिरने पर सियार, चूहे आदि नुकसान पहुंचाते है।समारोह की अध्यक्षता इंडस्ट्रीज के निदेशक सी एल शुक्ला ने की।उन्होंने आगत अतिथियों का स्वागत किया तथा कहा कि किसानों के हित में कार्य होंगे।इसके पूर्व डी एम, डी ई ओ और निदेशक ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर समारोह का उदघाटन किया।इस अवसर पर जिलापार्षद विनय कुमार शाही, किसान रामेश्वर प्रसाद, बिनोद तिवारी, बिनय तिवारी, नरेंद्र जीत सिंह उर्फ गुड्डू बाबू,डुमरी के मुखिया पति प्रवीण कुमार राय, महनवा के पूर्व मुखिया हरिशंकर पांडेय, नन्द किशोर प्रसाद कुशवाहा, राजू यादव, मझौलिया के मुखिया अनिल बैठा ,उप महाप्रवंधक गन्ना पी एन सिंह,मैनेजेर एच आर रामाकांत मिश्रा, शंकर तिवारी, हरिशंकर शर्मा ,राम बिहारी राम ,सचिन कुमार सिंह,एस पी श्रीवास्तव ,प्रखंड कृषि पदाधिकारी दिलीप कुमार सिंह,डिप्टी मैनेजर फार्म राज आनंद प्रसाद आदि मुख्य रूप से उपस्थित्त थे।प्रशिक्षण को लेकर कृषकों में उत्साह दिखा।
– राजू शर्मा की रिपोर्ट