बरेली। बुधवार को भारत छोड़ो दिवस को लेकर किसानों ने मोदी सरकार के कॉरपोरेट समर्थन को लेकर इस दिन विरोध दिवस के रूप मे मनाया। इस दौरान ज्ञापन देने आए अखिल भारतीय किसान महासभा के पदाधिकारियों ने बताया ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ हमारे ऐतिहासिक स्वतन्त्रता संग्राम के प्रेरणाप्रद और ऊर्जावान आह्वान की शुरुआत को चिह्नित करने के लिए नौ अगस्त को पूरे देश में भारत छोड़ो दिवस मनाया जाता है। इस साल हम भारत के किसान और खेतिहर मजदूर नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार और कॉरपोरेट समर्थकों के विरोध में कॉरपोरेट लुटेरों, भारत छोड़ो, खेती छोड़ो की मांग के लिए अपनी सामूहिक आवाज उठा रहे है। केन्द्र सरकार किसानों के राष्ट्रीय संसाधनों जैसे जंगल, नदी और जल संसाधन और कृषि भूमि पर कॉरपोरेट और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के लिये बढ़ावा देने के लिए एकाधिकार वादी, मित्र पूंजीपतियों के साथ साजिश रच रही है, जिससे किसानों का एक बड़ा वर्ग जो भारत की आबादी का 52 प्रतिशत बर्बाद हो रहा है। उन्हें अपने जीवन और आजीविका से अलग और विस्थापित किया जा रहा है। प्रवासी श्रमिक बनने और गुलामो जैसी परिस्थितियों मे रहने और काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। जिससे किसान बर्बाद हो जाएगा और वह कंगाली के कगार पर पहुंच जाएगा। वह भारत के राष्ट्रपति से मांग करते है। इस तरह की प्रथा पर रोक लगना चाहिए। सरकार को पूंजीपतियों पर ध्यान न रखकर गरीब किसानों के बारे में सोचना चाहिए।।
बरेली से कपिल यादव