प्राथमिक विद्यालय के उद्घाटन को लेकर भाजपा के दो बड़े नेताओं में वर्चस्व की जंग
शिलापट बना विवाद की असली वजह, शिलापट पर लगभग एक दर्जन नाम, फिर भी सांसद का नाम गायब
बरेली। भाजपा नेताओं के वर्चस्व की जंग ने एक बार फिर पार्टी में अंतर्कलह को हवा दे दी है। इस बार मामला प्राथमिक विद्यालय के पुनः निर्माण के बाद उसके उद्घाटन को लेकर सामने आया है। जिसमें भाजपा के दो बड़े नेताओं के वर्चस्व की जंग सामने आई है। मीरगंज तहसील और क्यारा ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय गौतारा के उद्घाटन के लिए बनी शिलापट का विवाद सियासी बवंडर बन गया है। इसे सियासी बवंडर बनाने में बरेली के शिक्षा विभाग ने अहम भूमिका निभाई है। शिक्षा विभाग के अफसरों के कारनामें पर बीएसए ने जांच बैठा दी है। जिसमें प्रधानध्यापक से लेकर खंड शिक्षा अधिकारी तक कार्रवाई के लपेटे में हैं। 18 मई 2025 को क्यारा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय गौतारा के पुनर्निर्माण के बाद उद्घाटन होना था। परियोजना की स्वीकृति समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत 2023-24 में हुई थी। इसके लिए 13.81 लाख रुपये का बजट शासन द्वारा स्वीकृत किया गया था। इसी बजट से नये सत्र से पहले विद्यालय का पुनर्निर्माण कराया गया। जब प्राथमिक विद्यालय का पुनः निर्माण हो गया और उसके उद्घाटन का समय आया तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों और विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा शिलापट तैयार कराई गई जिससे भाजपा सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार का नाम नदारद रहा। उनके नाम के स्थान पर झारखंड के महामहिम और बरेली की राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले संतोष गंगवार की बेटी और अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की अध्यक्ष श्रुति गंगवार का नाम प्रमुखता से अंकित कर दिया गया, जबकि वह न तो कोई निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं और सरकार द्वारा प्रदत्त किसी संवैधानिक पद पर हैं। शिक्षा विभाग के अफसरों के इस कारनामे से भाजपा सांसद के समर्थकों और अन्य जनप्रतिनिधियों में भारी असंतोष हुआ। इसे सियासी अपमान के रूप में देखा जाने लगा। बरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच टीम गठित कर दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस निर्माण कार्य में किसी निजी संस्था या बैंक की कोई भूमिका नहीं है। ऐसे में श्रुति गंगवार का नाम शिलापट पर क्यों डाला गया, यह जांच का विषय है। इस मामले में संबंधित अधिकारियों और प्रधानाध्यापक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आपको बता दें कि शिलापट में गांव के चौकीदार, ग्राम प्रधान सुनीता गंगवार, पूर्व प्रधान महाराज सिंह, प्रबंध समिति के अध्यक्ष बाबूराम, नोडल इंजीनियर प्रवीण किशोर शर्मा, खंड शिक्षा अधिकारी पूरन सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय कुमार सहित कई नाम अंकित हैं, लेकिन सांसद छत्रपाल सिंह गंगवार का नाम पूरी तरह गायब है।
मुझे इस मामले की जानकारी नहीं है। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर मुझे कुछ भी नहीं बताया। किस शिलापट पर किसका नाम है। ऐसी छोटी छोटी बातों पर मैं ध्यान नहीं देता हूं। मीरगंज विधानसभा मेरे ही संसदीय क्षेत्र में है।
छत्रपाल सिंह सांसद बरेली।
मैं गौतारा प्रधान के निमंत्रण पर एक पारिवारिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने गई थी। वहां स्कूल का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी था। जिसमें क्षेत्रीय विधायक डा. डीसी वर्मा के साथ सम्मिलित हुई थी। शिक्षा विभाग के किसी अधिकारी की ओर से मुझे कोई आमंत्रण नहीं दिया गया था। शिलापट पर नाम किसने अंकित किया, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। मैंने स्कूल का उदघाटन नहीं किया।
श्रुति गंगवार, अध्यक्ष अर्बन कोऑपरेटिव बैंक बरेली।
बरेली से वीरेंद्र कुमार