भाई दूज पर 50 साल बाद बन रहा है विशेष शुभ योग, जाने शुभ मुहूर्त

बरेली। सनातन धर्म मे भाई दूज पर्व का विशेष महत्व है जो प्रतिवर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस तिथि का यमराज और द्वितीया तिथि से संबंध होने के कारण इसे यमद्वितीय भी कहा जाता है। भाई दूज के दिन, बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती है और भगवान से उनकी सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती है जबकि भाई अपनी बहनों के पैर छूकर उन्हें उपहार देते है। इस बार भाई दूज पर भाइयों को तिलक के लिए शुभ मुहूर्त बुधवार रात 9:12 मिनट से शुरु होकर गुरुवार को 12:10 मिनट तक रहेगा। पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि का प्रारंभ 26 अक्टूबर दिन बुधवार को रात 09 बजकर 12 मिनट पर हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन 27 अक्टूबर गुरुवार को शाम 07 बजकर 15 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर भाई दूज का त्योहार 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा। गुरुवार को 12: 10 बजे तक विशाखा नक्षत्र होने से प्रवर्धन योग बन रहा है। उसके पश्चात अनुराधा नक्षत्र आता है। गुरुवा को अनुराधा नक्षत्र में आनंद योग बनता है और विष्कुंभी 27 योगों में इस दिन सौभाग्य योग भी प्रातः काल 7:15 से पूरे दिन रहेगा। वही शहामतगंज समेत कई स्थानों पर लोग गोला खरीदते नजर आए। हालांकि बीते साल के मुकाबले गोले के रेट थोड़े बड़े नजर आए गोला बिक्रेता मनोज ने बताया गोले दो मेल के आते है छोटा गोला 200 रुपए किलो है। उससे बड़ा गोला 240 से रुपए किलो बिक रहा है। मान्यता है कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाता है और तिलक करवाता है। उसे अनिश्चित मृत्यु का भय नहीं होता है। भाई दूज के दिन यमराज के सचिव चित्रगुप्त की पूजा की मान्यता है। लगभग 5 दशक बाद यानी कि 50 साल बाद भाई दूज पर शुभ संयोग बन रहे है।।

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *