बेसहारा बच्चों के पालक बने विधायक राजेश शुक्ला बबलू

*बच्चों के पिता की दुर्घटनाओं में हुई थी मृत्यु,विधायक ने लिया गोद

बिजावर। विधानसभा क्षेत्र में बीते दिनों हुई एक भीषण सड़क दुर्घटना में 3 लोगों की दु:खद मृत्यु हो गई थी। दुर्घटना का शिकार हुए तीन लोगों में से एक की पत्नी का पूर्व में निधन हो गया था जिसक कारण से उसके बच्चे बेसहारा हो गए हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए बिजावर विधायक राजेश शुक्ला बबलू मृतक के बच्चों को गोद लेकर उनके पालक बन गए हैं। विधायक ने कहा है कि अब से वे इन बच्चों के सारे खर्चों का वहन करेंगे। साथ ही दुर्घटना पीडि़त अन्य परिवारों को भी मदद दिलाएंगे।
विधायक राजेश शुक्ला ने बताया कि बीते दिनों पिपट थाना क्षेत्र के ग्राम जमुनया पुरवा के तीन युवकों की मृत्यु दमोतीपुरा के समीप एक सड़क हादसे में हो गई थी। वे परिवार को ढांढस बंधाने जमुनया पुरवा पहुंचे तो ज्ञात हुआ कि मृतक हरचरण कुशवाहा की पत्नी का निधन करीब दो-तीन माह पहले बीमारी के चलते हो गया था और अब उनके बच्चे अनाथ हो गए हैं। हरचरण की चार संतानें हैं जिनमें एक 4 वर्ष की दिव्यांग पुत्री और तीन पुत्र हैं। बच्चों की देख-रेख के लिए उनकी वृद्ध दादी मुलियाबाई हैं। इसके बाद विधायक ने कहा कि परिवार ऐसा बिल्कुल न सोचे कि उनका कोई नहीं है, उनके लिए मैं सदैव खड़ा हूं। उन्होंने मौके पर ही मृतक हरचरण के बच्चों को गोद लेने का ऐलान करते हुए कहा कि अब से वे सभी बच्चों की पढ़ाई-लिखाई सहित अन्य खर्चे उठाएंगे। इसके अलावा इस भीषण दुर्घटना का शिकार हुए गांव के दो अन्य युवकों के परिजनों से भी विधायक मुलाकात करने पहुंचे, उन्होंने परिवारों को ढांढस बंधाकर शासन स्तर से मिलने वाली हर मदद परिवारों को दिलाने का भरोसा दिलाया है।
महुआझाला की दुर्घटना पीडि़तों को भी दिलाई थी तत्काल मदद
बीते दिनों बिजावर विधानसभा क्षेत्र के ग्राम महुआझाला में हुए एक बड़े हादसे में करंट लगने से 6 लोगों की दु:खद मौत हो गई थी। इस दुर्घटना पीडि़त परिवार से मिलने भी विधायक पहुंचे। विधायक ने बताया कि उन्हें जैसे ही इस दुखद घटना की सूचना मिली थी उन्होने तत्काल अपने पुत्र अविराम धनंजय शुक्ला को परिवार के पास भेजा था। साथ ही शासन स्तर पर मिलने वाली मदद को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से दूरभाष पर चर्चा कर पीड़ित परिवारों को तत्काल मदद दिलाई थी। चूंकि उन दिनों विधायक राजेश शुक्ला भोपाल प्रवास पर थे इसलिए वे परिवारों से मुलाकात करने नहीं पहुंच पाए थे। जैसे ही वे भोपाल से बिजावर पहुंचे वैसे पीडि़त परिवारों से मुलाकात करने उन्होंने ग्राम महुआझाला और जमुनया पुरवा का दौरा किया है।

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