आज़मगढ़ – बेटों का जीवन खुशहाल हो उम्र लम्बी हो, यही मनाकामना लेकर माताओं ने मंगलवार को जीवित्पुत्रिका का निराजल व्रत रखा। निराजल व्रत रहकर शाम को गोठ की कथा सुनी गयीं भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से जुडे इस पर्व की विशेष महत्ता हैं। मान्यता है कि अश्विन मास कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को विधि-विधानपूर्वक जीवित्पुत्रिका व्रत रखने वाली माॅ के पुत्र का जीवन र्दीधायु सुख समृद्धि व मंगलमय होता है। मंगलवार को यह व्रत आजमगढ़ शहर सहित जिले भर में विधि विधानपर्वक मनाया गया। मुख्य चौक व अन्य बाजारों में व्रत से जुड़े फल फूल व जीवतिया और मखई की खरीदारी हुई। दोपहर बाद माताएं मंदिरों और सरोवर किनारे बैठकर शिवा माता की विशेष कथा सुनीं । जगह जगह गोठ पूजा से पूरा वातारवण भक्तिमय लग रहा था। शहर की ही रहने वाली व्रती माताओं ने बताया कि जिवित्पुत्रिका व्रत का बहुत महत्व हैं। इसे पुत्र की कामना व पुत्र के खुशहाल जीवन के लिए किया जाता है।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़