*बिजूरिया जाते ही ओझल होते है नेटवर्क।
*हजारो उपभोक्ता अन्य प्राइवेट कम्पनी से जुड़ने पर मजबूर
बरुआसागर(झाँसी)- हमे तो अपनो ने मारा गैरों में कहा दम था यह बात भारत संचार निगम लिमिटेड पर सटीक बैठती है क्योंकि एक समय टेलिकॉम सेक्टर में अग्रणी रहने वाली कंपनी आज अर्श से फर्श पर आ चुकी है जिसका सबसे बड़ा कारण विभाग में तैनात अफसरों की कार्यशैली जिसके चलते उपभोक्ताओं की शिकायतों पर कोई ध्यान भी नही दिया जाता है। देश की सबसे अग्रणी टेलीकॉम कंपनी का दावा करने वाली बीएसएनएल मोबाइल के नेटवर्क अब भगवान भरोसे होते नजर आ रहे है।अगर पिछले तमाम हफ़्तों के साथ कई महीनों पर नजर डाली जाए तो शायद ही कोई ऐसा दिन होगा जब पूरे समय बीएसएनएल के नेटवर्क मोबाइल में रहे हों।आलम यह है कि बिजूरिया जाते ही बीएसएनएल नेटवर्क स्वतः मोबाइल से ओझल हो जाता है।पिछले तमाम हफ़्तों सहित कई माह की परेशानी झेलने के पश्चात अब हारकर उपभोक्ताओं ने अन्य कम्पनियो में अपनी पोर्टबिलिटी कराने का मन बना लिया है।उपभोक्ताओं की मानें तो उनका आरोप है कि ये सब जानबूझकर किया जा रहे है।जिससे कि प्राइवेट कम्पनियों को पीछे से फायदा पहुंचाया जा सके।शिकायत करने पर सम्बंधित विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा गोल मोल उत्तर देते हुए पल्ला झाड़ लिया जाता है।लेकिन कोई भी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी तय नही करता नजर आता।अगर बात करें नगर के बीएसएनएल एक्सचेंज का तो अधिकांश समय उक्त कार्यलय में ताला जड़ा नजर आता है।कैमरे से हटकर नाम ना उजागर करने की शर्त पर विभाग का ही एक कर्मचारी बताता है कि साहब में अकेला क्या करूँ, सभी उच्चाधिकारियों को अपने एयरकंडीशनर से बाहर निकलने की फुर्सत ही नहीं है।स्थित एक्सचेंज की बैटरियों की दम निकल चुकी है।जनरेटर चलाने की एक लिमिट बनी हुई है।अब बिधुत कटौती होते ही हमारा विभाग का नेटवर्क भी ध्वस्त हो जाता है।हम लोग तो तमाम बार विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत करा चुके है।लेकिन कोई सुनता ही नही।कुल मिलाकर देखा जाए तो हजारों,लाँखो की तनख्वाह पाने वाले सम्बंधित विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं तक नही रेंगती नजर आती।सभी अपनी कुम्भकर्णी नींद में सोए नजर आते है।
इनका कहना है— हमारे संवाददाता द्वारा सम्बंधित विभाग के जिले में पदस्थ कई उच्चाधिकारियों से जानकारी करने पर एसडीओ ग्रामीण ने गोल मोल बात करते हुए बताया की बीएसएनएल के नेटवर्क की समस्या बरूआसागर में है, लेकिन कुछ तकनीकी खराबी के साथ साथ नगर की अघोषित विधुत कटौती भी इन नेटवर्किंग सेवा में व्यबधान पैदा करते है।जनरेटर चलाने की भी लिमिट बनी हुई है।लेकिन जल्द ही नगर की बिगड़ी नेटवर्क ब्यबस्था की बात कहकर उक्त अधिकारी द्वारा पल्ला झाड़ लिया गया।
झाँसी से अमित जैन