बरेली। सोमवार को उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर उत्तर प्रदेश विद्युत मजदूर संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद घिल्डियाल नेतृत्व में बिजली कर्मचारियों ने पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण के विरोध में जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिए। राजेंद्र प्रसाद घिल्डियाल ने कहा कि पूर्वांचल और दक्षिणांचल में 42 जिलों का उत्तर प्रदेश विद्युत कॉरपोरेशन निजीकरण करने पर आमादा है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के बिजली कर्मचारी लगातार संघर्षरत हैं। लेकिन ऊर्जा मंत्री और प्रबंधन संघर्ष समिति से वार्ता तक करने को तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि 9 अप्रैल को लखनऊ में विशाल रैली के बाद ज्ञापन देने का यह द्वितीय चरण का आंदोलन है। इसके बाद 1 मई से को मजदूर दिवस पर बिजली के कर्मचारी पूरे प्रदेश स्तर पर विशाल बाइक रैली निकालकर सभी उपभोक्ताओं से अपील करेंगे कि वह भी निजीकरण का विरोध करें, क्योंकि निजीकरण से आम उपभोक्ताओं की विद्युत दरें निश्चित तौर पर बढ़ेंगी और साथ ही कर्मचारियों का निजीकरण के बाद छंटनी होना पूरी तरह से तय है। सोमवार को वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार, सांसद छत्रपाल गंगवार, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल को ज्ञापन देकर निजीकरण रुकवाने की मांग की। इस मौके पर विपुल शुक्ला, आनंद बाबू, आकाश अग्रवाल, आकांक्षा सक्सेना, रिंकू, राहुल शर्मा, रविंद्र कुमार, मनोज सिंह, वीके ग्वाल समेत अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव