बरेली। कोरोना संक्रमण काल का बुरा असर गर्मी के मौसम में चलने वाले ठंडे के कारोबार पर पड़ा है। बरेली के कोल्ड ड्रिंक कारोबार को तो मानो कोरोना पी गया है। लोगों के इस उत्पाद से दूरी बनाए जाने से करीब 50 करोड़ का कारोबार अब तक प्रभावित हो चुका है। मार्च से लेकर मई तक सबसे बंपर डिमांड होती रही है। इन महीनों में ही कंपनियों, डिस्ट्रीब्यूटरों के टारगेट भी पूरे हो जाते थे। कंपनियां सामान्य दिनों में वेटिंग देती थी। लेकिन इस बार ऐसा नही है। शहर समेत आसपास के जिलो का भी यही हाल है। क्योंकि आसपास के जिलों में बरेली से ही कोल्ड ड्रिंक सप्लाई की जाती है। लॉकडाउन के चलते यह कारोबार पूरी तरह प्रभावित है। ठंडे आयटम की सबसे अधिक खपत होटल, रेस्त्रां, शादी और दूसरे आयोजनों में होती है। लेकिन इस वर्ष भी ये सभी बंद है। ठंडे के कारोबार से जुड़े कारोबारियों के मुताबिक गर्मी के मौसम में प्रतिमाह करोड़ों का नुकसान हो रहा है। इस साल फरवरी और मार्च में जरूर थोड़ा-बहुत कारोबार हुआ था। लेकिन अप्रैल में लॉकडाउन के बाद से अब तक हालत बहुत ही खराब है। कोल्ड ड्रिंक व्यापारियों का मानना है कि इस साल भी कारोबार न के बराबर ही रहेगा। सालभर मेंं कोल्ड ड्रिंक का कई करोड़ का कारोबार होता है। कोरोना काल मे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए पारंपरिक पेय पदार्थो की जबरदस्त डिमांड बढ़ी है। जिसके चलते लोगों ने कोल्डड्रिंक को बाय-बाय कहना शुरू कर दिया है और छाछ, लस्सी, शिकंजी, नारियल पानी की ओर एक बार फिर रुख करना शुरू कर दिया है। कुछ स्वाद के लिए, तो कुछ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने को, तो कुछ चिकित्सकों की सलाह से ऐसा कर रहे हैं। वहीं, गर्मी में सूखते कंठ को तर करने के लिए स्वदेशी पारंपरिक पेय जैसे लस्सी, मट्ठा , शिकंजी, नारियल पानी और जूस आदि को वरियता दे रहे है। कोल्ड ड्रिंक का चलन इसलिए बढ़ा क्योंकि पारंपरिक पेय आसानी से उपलब्ध नहीं होते थे और कोल्ड ड्रिंक हर दुकान पर आसानी से उपलब्ध होती थी, लेकिन जब से इन पेय पदार्थो के टेट्रा पैक बाजार में आए है तब से इनकी मांग जोर पकडने लगी है। अब लस्सी, मट्ठा और नारियल पानी का टेट्रा पैक आया है, इनकी मांग बढ़ गई है। पिछले साल कोरोना काल के बाद से ही जूस के साथ लस्सी का चलन तेजी से बढ़ा है। लोगों की सोच पारंपरिक पेय पदार्थो को लेकर काफी बदली है। कोल्ड ड्रिंक की जगह अब लोग लस्सी, मट्ठा जैसे तरल ज्यादा पसंद कर रहे हैं। बेहतर अच्छा स्वाद के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ रही है।।
बरेली से कपिल यादव