बरेली। बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर मे दशकों घुसपैठ हुई जब मंसूबे नाकाम हुए तो अराजकता करने लगे। हालांकि जो लोग इसमें लिप्त है वो बचेंगे नहीं। घाटी में सघन निगरानी और सतर्कता जरूरी है। बिहार के राज्यपाल बुधवार को रोटरी क्लब ऑफ बरेली के रोटरी समागम कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम के बाद उन्होंने पत्रकारों से वार्ता की। जम्मू-कश्मीर मे अशोक स्तंभ बना शिलापट्ट तोड़ने के मामले पर मोहम्मद आरिफ ने कहा कि अब कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं। जिससे घुसपैठियों मे निराशा पनप रही है। हताशा की हालत में जो कार्य होते हैं वैसा ही गुलबर्ग में हुआ। उनके मंसूबे नाकाम हो रहे हैं। इसका खामियाजा भी उन्हें भुगतना पड़ेगा। वही बिहार चुनाव के सवाल पर बोले कि राज्यपाल होने से वे राजनीतिक गठबंधनों पर कोई टिप्पणी नही कर सकते। राजनीतिक महागठबंधन हो या कोई और… राज्यपाल का कार्य सिर्फ संविधान और विधान के मुताबिक हो, इसकी निगरानी का है। उन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता, मर्यादा और लोकलाज पर जोर दिया। बिहार में चुनाव समय पर, सुचारू और शांतिपूर्ण तरीके से होंगे। राहुल गांधी के संविधान खतरे में वाले बयान पर राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने कहा कि मैं किसी एक नेता या गठबंधन पर टिप्पणी नहीं कर रहा। लोकतंत्र में कोई भी अपने विचार साझा कर सकता है, लेकिन कोई ऐसी बात कहना, जिससे जनता के मन में लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति संदेह पैदा होता है, यह लोकतंत्र को कमजोर करता है। लोकतंत्र की आजादी का दुरुपयोग, सदुपयोग प्रत्येक व्यक्ति करता है। जनता तय करती है कि आचरण लोकतांत्रिक मर्यादा है या नही।।
बरेली से कपिल यादव