बरेली में लाल खून का काला सौदा, आईएमए के दो कर्मचारी समेत चार गिरफ्तार

बरेली। सोमवार को पुलिस ने मजदूरों और नशेड़ियों के खून का सौदा करने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। एसपी सिटी मानुष पारीक ने कार्यालय मे प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि आईएमए ब्लड बैंक के दो सफाई कर्मचारी अपने दो साथियों की मदद से खून बेच रहे थे। कोतवाली पुलिस ने चारों को गिरफ्तार कर लिया है। इस गिरोह मे शामिल अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि आईएमए ब्लड बैंक की ओर से खून की कालाबाजारी को लेकर गोपनीय शिकायत की गई थी। इसमें कोतवाली पुलिस ने मुखबिरों को लगाकर सोमवार तड़के दबिश दी। तब ब्लड बैंक के बाहर से चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इसमे आईएमए ब्लड बैंक के सफाई कर्मचारी कैंट के अभयपुर लाल फाटक निवासी अभय व विनीत और पुराना ताड़ीखाना आजमनगर निवासी प्रेमनाथ व इंदिरानगर, प्रेमनगर निवासी धीरेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया है। कैंट के लाल फाटक निवासी अभय और विनीत रैकेट चला रहे थे। आईएमए ब्लड बैंक में आने वाले नशेड़ियों के खून की जांच भी दोनों कर्मचारी प्रभावित करते थे। पुलिस इनके सिंडिकेट की जानकारी जुटा रही है। अन्य नाम सामने आने पर गिरफ्तारी की जाएगी। एसपी सिटी ने बताया कि काफी समय से आईएमए ब्लड बैंक के बाहर खून बेचने वाला गिरोह सक्रिय था। खून की जरूरत वाले मरीजों के तीमारदारों को डोनर नहीं मिलने पर आईएमए ब्लड बैंक के सफाई कर्मचारी अभय और विनीत उनको फुसला लेते थे। फिर अपने साथी आजमनगर के तड़ीखाना निवासी प्रेमनाथ और प्रेमनगर के इंद्रानगर निवासी धीरेंद्र शर्मा से संपर्क करा देते थे। इसके बाद जब सौदेबाजी तय हो जाती थी तो प्रेमनाथ और धीरेंद्र मजदूरों व नशेड़ियों को उनका रिश्तेदार बनाकर खून निकलवा देते थे। खून देने वाले को बदले मे खाने-पीने की चीजें और मामूली रकम देते थे। बाकी जो रुपये बचते थे उसको चारों आपस में बांट लेते थे। पता चला है कि तीमारदार की हैसियत के हिसाब से यह लोग आठ से 10 हजार रुपये तक में खून बेच देते थे।।

बरेली से कपिल यादव

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