कुशीनगर- जनपद में पड़ रही भीषण गर्मी से जनजीवन अस्त व्यस्त होने के साथ ही किसान अपनी फसल को लेकर काफी चिंतित हैं क्योंकि यदि यही स्थिति अगले कुछ दिनों तक बनी रही तो खेतों में लगी धान की फसल निश्चित ही सूख जाएगी।
एक ओर जहां आधा भारत बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है।आये दिन भारी बारिश के कारण अपार जन धन की क्षति हो रही है वहीं दूसरी ओर पूर्वांचल का कुशीनगर जनपद सूखे की मार झेल रहा है।गर्मी इस कदर अपना कहर बरपा रही है कि दिन के समय घर से निकलना मुश्किल हो गया है।ऐसे में बड़ी मुश्किल से किसानों ने किसी तरह पम्पिंगसेटों एवं नहरों की सहायता से धान की फसल लगा तो दी है पर इन्द्र देव की बेरूखी ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं क्योंकि नहर के आस पास की फसलें तो जैसे तैसे कुछ हो जाएंगी किन्तु जहाँ नहरों की सुविधा नहीं है उन लोगों के लिए इतना महंगा डीजल खरीद कर पंपिंग सेटों की सहायता से खेतों की सिंचाई करना बहुत ही मुश्किल काम है फिर भी महंगाई की मार झेलते हुए किसान किसी तरह कर्ज लेकर अपनी फसल को बचाने का प्रयास तो कर रहे हैं किंतु यह प्रयास लम्बे समय के लिए नहीं है और यदि अगले पन्द्रह से बीस दिनों तक यही स्थिति बनी रही तो निश्चित ही 60%से70%फसल बर्बाद हो जाएगी।इन परिस्थितियों में किसान क्या करें कुछ समझ में नहीं आ रहा सिवाय बादलों की ओर आस लगाने के।
– कुशीनगर से जटाशंकर प्रजापति की रिपोर्ट