फरीदपुर, बरेली। जनपद की फरीदपुर तहसील क्षेत्र मे लेखपाल मनीष कश्यप की हत्या के बाद हैदराबाद लैब भेजी गई खोपड़ी के डीएनए का मिलान परिजनों के सैंपल से हो गया है। लैब ने मान लिया है कि खोपड़ी मनीष की ही है। पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए खोपड़ी परिजनों को सौंप दी। अब परिजनों को आश्रित के तौर पर लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है। साथ ही आरोपियों पर शिकंजा और कस जाएगा। फरीदपुर तहसील मे तैनात लेखपाल मनीष कश्यप मूल रूप से बहेड़ी के निवासी थे। वह बुखारा मोड़ स्थित अमरनाथ कॉलोनी में रहते थे। 27 नवंबर को तहसील परिसर से अगवा कर परिचित ओमवीर कश्यप व उसके रिश्तेदारों ने गला कसकर लेखपाल की हत्या कर दी थी। शव नाले में फेंक दिया था। पुलिस ने ओमवीर कश्यप को गिरफ्तार कर उसकी निशानदेही पर कैंट थाना क्षेत्र के बभिया गांव के पास नाले से खोपड़ी बरामद कर ली थी। परिजनों ने खोपड़ी को मनीष की मानने से इन्कार करते हुए हैदराबाद की लैब से डीएनए जांच कराने की मांग की थी। 26 दिसंबर को खोपड़ी के साथ ही लेखपाल की मां व भाई के ब्लड आदि के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। बुधवार को हैदराबाद से आई रिपोर्ट लेखपाल के परिजनों को दे दी गई। विवेचना कर रहे फतेहगंज पश्चिमी थाना प्रभारी प्रदीप चतुर्वेदी ने बताया कि डीएनए सौ फीसदी मैच हो गया है। परिजनों को अंतिम संस्कार करने के लिए वह कंकाल दे दिया गया है। वह उसे अपने घर बहेड़ी ले गए है।।
बरेली से कपिल यादव