बरेली। ईद मिलादुन्नबी के मौके पर शुक्रवार को दरगाह प्रमुख हजरत मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) के घर सजी महफिल में सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी (अहसन मियां) ने बेटी बचाने का संदेश देते हुए कहा कि ईद मिलादुन्नबी ईदों की ईद है। अगर पैगम्बर-ए-इस्लाम इस दुनिया मे तशरीफ न लाते तो ईद उल फितर और ईद उल अजहा का वजूद भी न होता । हमारे नबी आज से 1400 साल पहले अरब की सरजमी पर उस समय तशरीफ लाये जब बेटियों को जिंदा जमीन में गाड़ दिया जाता था। लोग बेटियों को बुरा मानते थे। आज वही गुनाह लोग बेटियों को मां की कोख में ही मारकर कर रहे है। उस वक़्त पैंगबर ए इस्लाम ने लोगो से कहा कि जो लोग साहिबे ईमान इस दुनिया में बच्चियों की खुशी खुशी तालीम-तरवियत देंगे। उसे मैं जन्नत में लेकर जाऊंगा। आपने खुद एक बेवा (विधवा) औरत से निकाह कर महिलाओं का सम्मान बढ़ाया । औरतो को सम्पत्ति में अधिकार दिया । मजदूरों के हक की लड़ाई सबसे पहले पैगम्बर ए इस्लाम ने उठाते हुए गुलामी प्रथा पर रोक लगवाई। इसके लिये लोगो को जागरूक किया।।
बरेली से कपिल यादव