बरेली । जिलाधिकारी श्री मानवेंद्र सिंह ने जनपद के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए सभी सम्बन्धित अधिकारियों तथा कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिए कि जो निर्माण कार्य अधूरे है उनको समयान्तर्गत पूर्ण किया जाए और जिनका निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है उन्हें सम्बन्धित विभाग को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया तत्काल प्रारंभ कर दिया जाए।
जिलाधिकारी आज विकास भवन सभागार में जनपद के विकास एवं निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री चन्द्र मोहन गर्ग, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बलवीर सिंह, परियोजना निदेशक, डीआरडीए श्री तेजवंत सिंह, जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी श्री संतराम वर्मा सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।
जिलाधिकारी ने सम्बन्धित अधिशासी अभियन्ता को निर्देश दिए कि सभी नहरों की सिल्ट सफाई 10 दिसम्बर तक हो जाए। उन्होंने अधिशासी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग सहित सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए कि कोई भी योजना की प्रगति धीमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने लाल फाटक ओवर ब्रिज सहित अन्य ओवर ब्रिज के निर्माण कार्यों में शीघ्रता लाने के निर्देश दिए, इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए। यदि कहीं पर कोई कमी हो तो अगवत कराएं।
जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि जनपद के 30 गौवंश स्थलों का एक साथ भूमि पूजन कराया जाएगा। इसकी तैयारी पहले से ही पूर्ण करा लें। उन्होंने कहा कि बेसहारा गौवंशों के भोजन की जो धनराशि प्राप्त होती है उसका नियमित भुगतान किया जाए। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी से कहा कि वह समय समय पर गौवंश स्थलों का औचक निरीक्षण करें। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि सभी सीएचसी/पीएचसी में डॉक्टर नियमित रूप से उपस्थित रहे और दवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करें। उन्होंने आयुष्मान कार्ड में प्रगति लाने तथा जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत लाभार्थियों को 75 प्रतिशत भुगतान किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शीघ्र 100 प्रतिशत भुगतान करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए कि 8 खाद्य की दुकानों का शीघ्र आवंटन किया जाए। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश दिए कि बच्चों का वजन अभियान चलाया गया था, उसकी सूची उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि पुष्टाहार समय से वितरण किया जाए और अति कुपोषित और कुपोषित बच्चों का चिन्हीकरण किया जाए। जो अति कुपोषित बच्चे है उनको एनआरसी में भर्ती कराकर उनको सामान्य श्रेणी लाया जाए।
– तकी रज़ा,बरेली